जहीरुद्दीन अली खान का निधन मेरे लिए दुखद है। हाल के दो महीने में मैं आधा दर्जन मृत्यु-लेख लिख चुका हूँ। कल ही गदर की स्मृति में लिखी पोस्ट में मैंने उल्लेख किया था कि 'मेरी और गदर की भेंट जहीरुद्दीन अली खान के अखबार सियासत के हैदराबाद स्थित दफ्तर में पंद्रह साल पहले हुई थी।'