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वह चला गया मुझे आधे रास्ते पर उतारकर ….

मैं साल में कम से कम एक बार दीपावली के बाद 3-4 सप्ताह की छुट्टी लेकर गांव अवश्य जाता हूँ। इस छुट्टी में से एक तिहाई हिस्सा मैं अपने मूल गांव…
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 मेरा गांव सोन नद की बांहों में विचारों में उलझी मेरी महबूबा सा…

मेरा गांव सोन नद की बांहों में विचारों में उलझी मेरी महबूबा सा..... कभी गांव को लेकर मैंने एक लंबी कविता लिखी थी। यह कविता मेरे आलोचकीय…
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अकेले ही बीना सिंह ने रौशन किया सैकड़ों का जीवन

एक दिन मेरे ऑफिस में सामाजिक उत्थान में सहयोगी विशेष जनों की चर्चा चल रही थी, उसी दौरान मेरे कलिग ने बीना सिंह के बारे में बताया। उन्होंने…
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लोक-कहावतों में जातीयता

(दूसरी किस्त) कहावत अर्थात ऐसा कहा जाता है। तात्पर्य है परम्परागत रूप से कही जाने वाली बात। कहावतों को अनुभूत सत्य माना जाता है। लोक-जीवन…
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