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#Hathras
मानसिक विचलन और असुरक्षा की ज़मीन पर फूलता-फलता बाबावाद
अनुयायियों का असुरक्षा वाला पहलू उनके मनोविज्ञान को समझने की कुंजी है। असुरक्षा जितनी अधिक होगी, बाबा के प्रति समर्पण उतना ही अधिक होगा, अनुयायी सामान्य ज्ञान या तर्कसंगत सोच को पूरी तरह से दरकिनार कर देंगे। असुरक्षा के पहलू को तब ठीक से समझा जा सकता है जब हम वैश्विक परिदृश्य को देखें। जिन देशों में आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा कम है, वहां धर्मों के सक्रिय अनुयायियों में गिरावट देखी जा रही है।
हाथरस गैंगरेप में जल्द न्याय दिलाने के लिए किया गया प्रदर्शन
हाथरस में हुए जघन्य गैंगरेप हत्याकांड मामले में कई वर्ष बाद भी न्याय न मिलने पर आक्रोश जताते हुए दखल संगठन की ओर से...