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होली के पीछे की असली कहानी गुलामगीरी में कैसे कहते हैं ज्योतिबा फुले
हिन्दू त्योहारों की अवधारणा किसी न किसी देवता की या उसके सूबेदार की जीत तथा उसकी मुखालफत करनेवाले मूल निवासी राजा की हार पर आधारित है। भारत में शूद्रातिशूद्र आंदोलन के जनक महात्मा ज्योतिबा फुले इस अवधारणा को विखंडित करनेवाले पहले विचारक और चिंतक हैं। उनकी विश्वप्रसिद्ध किताब ‘गुलामगीरी’ हिन्दू मान्यताओं को विखंडित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण किताब है। इस किताब में वह होली की मान्यता के पीछे की कहानी कहते हैं।