TAG
#Kheti
वाराणसी: बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेरा
बीते दो-तीन दिनों से बनारस सहित आसपास के जिलों में बेमौसम बारिश हो रही है, जिसकी वजह से खेतों में काटकर रखा हुए धान...
घर सँवारने में ही नहीं आर्थिक जिम्मेदारियाँ निभाने में भी योगदान देती हैं महिलाएँ
बीज बोने से लेकर फसल कटाई के बीच की अवधि में फसल का पूरा ध्यान महिलाएं रखती हैं। वह उन्हें खरपतवार और कीट पतंगों के प्रकोप से बचाने के लिए उसका ध्यान रखती हैं। वह फसल को अपने बच्चों की तरह पालती हैं। भागुली देवी पूरे आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि भले समाज कृषि के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को सम्मानित नहीं करता हो, लेकिन समाज को यह बखूबी पता है कि हम महिलाओं के बिना कृषि का काम अधूरा है।
खेती में भारी नुकसान के बावजूद नहीं मानी हार, अब गाँव की महिलाओं को दे रहे रोजगार
अचानक कैंसरग्रस्त माँ के समुचित इलाज के लिए उन्हें दुबई छोड़कर अपने गांव में ही रहने को मजबूर होना पड़ा। नौकरी छोड़ कर गांव में रहने के फैसले के बाद वीरेन्द्र ने खेती करने का फैसला किया। उन्होंने दस एकड़ जमीन 600 सौ रुपये सालाना के हिसाब से लेकर खेती की शुरुआत की। पहले पहल केला, कद्दू (लौकी) और सेम की खेती शुरू की, जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन वीरेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और एकबार फिर से दुगुना साहस और हौसले से 26 एकड़ जमीन लीज पर लेकर कम संसाधन में ही खेती शुरू की।
तरबूज उगाने वाला बालू फाँक रहा, बेचने वाला मुनाफ़ा कमा रहा
गर्मी अपने प्रचंड पर है। तापमान रोज़ ब रोज़ नये रिकॉर्ड बना रहा है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं- ख़ूब पानी पियें और मौसमी...