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#Lautanramnishad
जब लखनऊ की रैली में मुलायम सिंह ने कहा- आज निषाद जो मांगेंगे, हमें देना ही होगा
श्रद्धांजलि-लेख
नेताजी हम सबको छोड़कर चले गए। हमारे जैसे करोड़ों लोग जब पैदा हुए तो नेताजी उस समय आम-अवाम के लिए संघर्ष कर रहे थे।...
भारत में कौन है जिसकी कहानी जाति से अलग है ….
भारत में हर व्यक्ति की कहानी जाति और उसे प्राप्त विशेषाधिकारों अथवा बहिष्करण से जुड़ी हुई है। बड़ा से बड़ा प्रगतिशील किसी न किसी रूप में जाति के लाभ और जाति की हानि से बच नहीं सकता। इसलिए यह सहज और स्वाभाविक है कि हर व्यक्ति जाति व्यवस्था से अच्छे या बुरे रूप में प्रभावित होता है। प्रसिद्ध सामाजिक चिंतक और राजनीतिक कार्यकर्ता चौधरी लौटनराम निषाद का यह आत्मकथ्य जाति-व्यवस्था की जटिल बनावट की परतों को बहुत बारीकी से खोलता है। यह जितना रोचक है उतना ही मारक भी है।