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मेहनत और कारीगरी का काम करने वालों को कभी इज्जत नहीं मिली
अपर्णा -
नन्दा भैया बनारस के एक मोची हैं। पहले वह बनारसी साड़ी की बुनाई करते थे लेकिन अब कई वर्षों से मोची का काम कर रहे हैं। वह कहते हैं कि हमारा समाज उंच-नीच की भावना से इतना ग्रस्त है कि वह मेहनत करनेवालों को कभी भी इज्जत नहीं देता।
राजस्थान की पूंछ का आख़िरी गाँव
मेरा गाँव मेरे लिए दुनिया की सबसे सुंदर जगह है, जहां मेरा बचपन बीता था। गाँव और बचपन की स्मृतियाँ मुझे रोमांचित कर देती...
कविता में मोचीराम की प्रशंसा कवि धूमिल की ब्राह्मणवादी चाल है?
पहला भाग पेट की भूख इस बात की परवाह नहीं करती कि कौन छोटा है और कौन बड़ा है। जहाँ से भी व्यक्ति का पेट...

