हर घर नल जल का वर्तमान देखकर यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक घोषणाएँ और सरकारी दावे एक तरफ लेकिन वास्तविकता बिलकुल दूसरे ढंग से अपनी कहानी कहती है। मिर्ज़ापुर जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी को लेकर कहीं कतार लगानी पड़ रही है तो कहीं पहाड़ों की खाक छाननी पड़ रही है। भीषण गर्मी के बीच महिलाओं को दो-दो, तीन-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाकर चूल्हा-चौका करना पड़ रहा है।
इस गाँव के आखिरी छोर पर एक सरकारी नल लगा है, यहीं से सम्पूर्ण ग्रामीणवासी पानी भरते हैं। गाँव के सभी चापाकल सूख गए हैं, अब इस गाँव में 700 फिट से ज्यादा पर पानी मिलता है जिसका खर्च आमतौर दलित मोहल्ला के ग्रामीण वासी नहीं कर पाते हैं। गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या की वजह से बहुएं अपने मायके चली जाती हैं, गाँव के कई युवकों की शादी नहीं हो रही है, क्योंकि जब शादी करके कोई महिला आएगी तो उसे पानी लेने के लिए दूर गाँव के छोर पर जाना पड़ेगा।