आज सांप्रदायिक दक्षिणपंथ को लगता है कि उसकी जडें काफी गहराई तक पहुँच चुकी हैं, इसलिए उसके चिन्तक-विचारक अब गांधीजी की 'कमियों' पर बात करने लगे हैं और भारत के स्वतंत्रता हासिल करने में उनके योगदान को कम करने बताने लगे हैं। इस 30 जनवरी को जब देश राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दे रहा था तब कुछ पोर्टल ऐसे वीडियो प्रसारित कर रहे थे जिनका केन्द्रीय सन्देश यह था कि गांधीजी केवल उन कई लोगों में से एक थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष किया। अलग-अलग पॉडकास्टों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिये यह प्रचार किया जा रहा था कि अंग्रेजों के भारत छोड़ने के पीछे महात्मा गाँधी के प्रयासों की बहुत मामूली भूमिका थी।
हाल में (अप्रैल 2023) में एनसीईआरटी ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में से बहुत-सी सामग्रियां हटाने का फैसला किया। हटाई गई सामग्री में मुगलकालीन इतिहास, गुजरात दंगे, वर्ण...