Saturday, January 25, 2025
Saturday, January 25, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsNGT

TAG

NGT

जौनपुर : क्या तबाही का सबब बनने वाला है गोमती रिवर फ्रंट

पुराने शहरों के नए विकास ने अनेक पुराने और हेरिटेज शहरों के स्वरूप को तहस-नहस कर दिया है। इसका एक बड़ा उदहारण बनारस है जो लगातार अपना पुराना स्वरूप खो रहा है। इसी तरह रिवरफ्रंट्स ने भी नदियों के स्वरूप और बहाव को कई विपरीतताओं से जोड़ दिया है। जौनपुर में गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण से भी कई सवाल उठने लगे हैं कि क्या इससे शहर का पर्यावरण सुरक्षित रह पायेगा? जौनपुर से वरिष्ठ पत्रकार आनंद देव गोमती रिवर फ्रंट को लेकर खतरे की उठती आशंकाओं की रिपोर्ट कर रहे हैं।

वाराणसी : आठ गांवों की जिंदगी को नारकीय बना चुका है हरित कोयला प्लांट

विकास के नाम पर पूँजीपतियों के फायदे के लिए सरकार किस हद तक जा सकती है, इसका एक उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गाँव रमना के नैपुरा कलां में दिखाई देता है। इस गाँव में देश का पहला कचरे से हरित कोयला बनाने का प्लांट स्थापित किया गया है, जिससे निकलने वाला जहरीला धुआँ लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। कैसे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं यहाँ के लोग, पढ़िए इस ग्राउन्ड रिपोर्ट में।

दिल्ली सरकार ने पर्यावरण अदालत से कहा, वायु प्रदूषण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगाड़ रहा

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, लोगों में चीजों को याद रखने से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम हो गई है।

बिड़ला कार्बन इकाई पर रेनू नदी में दूषित पानी छोड़े जाने पर एनजीटी ने लगाया 12 लाख का जुर्माना 

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को ‘कार्बन ब्लैक’ निर्माता बिड़ला कार्बन की रेणुकूट इकाई पर 2021 में 40 दिन तक...

एनजीटी : भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड पाए जाने पर 24 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस

नई दिल्ली (भाषा)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की मौजूदगी के मामले में 24 राज्यों और चार केंद्र शासित...

वाराणसी को पहचान देने वाली ‘वरुणा’ और ‘असि’ की उखड़ती साँसें क्यों नहीं सुन पा रहे मोदी

वरुणा कॉरिडोर बनवाकर सपा सुप्रीमो अखिलेश ने साल 2016 में खूब सुर्खियां बटोरी थी। उस समय इस नदी को बचाने के लिए मुहिम चला रहे जनसरोकारीय संगठनों और स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी कि नदी साफ हो जाएगी। सत्ता बदली तो जैसे इस नदी के नसीब ही फूट गए। इसका भाग्य संवारने के लिए कोई दूसरा भगीरथ नहीं आया। अब जनवादी संगठन पदयात्रा निकाल रहे हैं और इस नदी के पुनरुद्धार के लिए मुहिम चला रहे हैं।

ताज़ा ख़बरें