पूरी दुनिया में कोई देश गृह युद्ध की चपेट में है तो कहीं दो देशों के बीच सत्ता हथियाने के लिए युद्ध छिड़ा हुआ है। दुनिया में युद्ध की राजनीति इतनी विकट है कि हर कोई सुपर पावर बनना चाह रहा है। इन युद्धों से उन देशों की आर्थिक स्थिति चौपट होने के साथ, सामाजिक व राजनैतिक, सांस्कृतिक अस्थिरता पैदा हो चुकी है, युद्ध को रोकने के लिए दबाव बनाने वाला कोई संगठन नहीं है। आम नागरिक, बच्चे, स्त्रियाँ और बुजुर्ग बेवजह मारे जा रहे हैं। कल फिलिस्तीन के नेता इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या कर दी गई। इजराइल हमास और हिजबुल्लाह के अहम् नेताओं की हत्या के ज़रिये फलिस्तीन के लिए जारी जद्दोजहद को कमज़ोर करना चाह रहा है लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा, यह तो आने वाले समय ही बताएगा
दो देशों के युद्द में सबसे ज्यादा तबाह वहाँ के नागरिक होते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन एवं रूस व उक्रेन में यह देखा जा सकता है। इजरायल फिलिस्तिनियों को पूरी तरह ज़मींदोज़ कर उनकी हस्ती मिटाना चाहता है और यह कर भी रहा है। इजरायल के लगातार हमले से फिलिस्तीनी नागरिक मर रहे हैं। अब बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पिछले नौ महीने में 37 हजार बच्चे मारे गए। यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत है।
कोलकाता(भाषा)। प्रख्यात लेखिका तस्लीम नसरीन कठमुल्लावाद और धार्मिक उन्माद के खिलाफ लगातार लिखती-बोलती रही हैं। जिंदगी भर बगावती तेवर के साथ लेखन कर्म में...
हमास आज सबसे बड़ा फ़िलिस्तीनी उग्रवादी इस्लामी समूह है। हमास हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया, या इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन का संक्षिप्त रूप है। अरबी में इस...