जिसपर मुश्किलों की मार पड़ी हो उसका दर्द वही समझता है। मुश्किलों में अपनी जिंदगी गुजार रहे मनोज ने फैसला लिया कि जिस मुश्किल के कारण उन्हें अपने सपनों से समझौता करना पड़ा, वे मुश्किलें उनके जैसी हालत से आने वाले बच्चों के साथ न हो । इसके लिए मनोज ने अपने गांव के साथ- साथ अपने आसपास के गाँव में बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक मुहिम चलायी जिसका नाम है - मिशन स्कूल चलो अभियान, जिसमें आज लगभग 400 बच्चे ऐसे जुड़े हैं जिन्होंने कभी स्कूल में कदम तक नहीं रखा था।