बिहार उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में अतिरिक्त आरक्षण को अवैध घोषित कर दिया है। इस फैसले को लेकर विपक्ष में सुगबुगाहट तो है लेकिन इसे लेकर वह सड़क पर उतारने में हिचकिचाता दिख रहा है। यह उसकी भूमिका और नीयत पर कई सवाल खड़े करता है। खासतौर से तब जब 18वीं लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सामाजिक न्याय और भागीदारी को स्पष्ट रूप से छोड़ दिया और यही विपक्ष का केंद्रीय मुद्दा रहा हो।