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संवेदना और भाषा के बेजोड़ कलमकार प्रेमचंद (तीसरा और अंतिम भाग)
तीसरा और अंतिम भागप्रेमचंद की जयंती के मौके पर पूरे देश में लोग उन्हें याद करते हैं। प्रेमचंद के प्रशंसकों और आलोचकों का विस्तृत...
कफन कहानी विरोधाभासों का पुलिंदा है
कफ़न प्रेमचन्द की सर्वाधिक चर्चित कहानी है। इस कहानी के कथ्य को लेकर तमाम चर्चाएँ हुई हैं। उनकी तमाम कहानियों के बरक्स इस कहानी...
प्रेमचंद एक साथ सामंतवादी शक्तियों और सामाजिक विषमता के खिलाफ लड़ रहे थे -वीरेंद्र यादव
‘प्रेमचंद बीसवीं सदी के सबसे बड़े रचनाकार हैं। उन्होंने सोजे वतन लिखकर स्वाधीनता-संग्राम को गति देने की कोशिश की। प्रेमचंद ग्रामीण जीवन और कृषि...
स्त्री संवेदना के बहुत करीब थे प्रेमचंद ..( दूसरा भाग)
दूसरा हिस्सा :प्रेमचंद की जयंती के मौके पर पूरे देश में लोग उन्हें याद करते हैं। प्रेमचंद के प्रशंसकों और आलोचकों का विस्तृत संसार...
स्त्रियों की नज़र में प्रेमचंद और उनकी रचनाएँ क्या हैं
पहला हिस्साप्रेमचंद की जयंती के मौके पर पूरे देश में लोग उन्हें याद करते हैं। प्रेमचंद के प्रशंसकों और आलोचकों का विस्तृत संसार...
इस कार्पोरेट समय में प्रेमचंद
मई 1925 के प्रभा के अंतिम अंक में गणेश शंकर विद्यार्थी ने प्रेमचंद के उपन्यास रंगभूमि की समीक्षा लिखी थी, उसकी कुछ पंक्तियाँ आज...

