दिवंगत सुजाता पारमिता अभिनेत्री, रंगकर्मी, लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वह राष्ट्रीय फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान, पुणे की स्नातक थीं। उन्होंने दिल्ली में आह्वान थियेटर समूह की स्थापना की। सुजाता विविध कलात्मक रुचियों से समृद्ध थीं और वारली लोककला पर विशेष काम किया था। यह लेख उनकी पुस्तक 'मानसे की ज़ात' से लिया गया है।
इतिहास में बीते हुए समय में घटित घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण प्रस्तुत किया जाता है। इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखने वाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है। आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार इतिहास में सार्वजनिक घटनाओं का विवरण होता है। इसमें व्यक्तिगत जीवन से सम्बंधित घटनाओं का उल्लेख नहीं होता। इसमें वर्णित घटनाओं में क्रमबद्धता होती है तथा इतिहासकार सच्चे वैज्ञानिक की तरह घटनाओं को जैसी घटित हुई है उनकी सम्पूर्णता में प्रस्तुत करते हैं।