TAG
Savitribai Phule
भीमा कोरेगांव : एक युद्ध जिसने दलित समुदाय का इतिहास बदल दिया
भीमा कोरेगाँव का युद्ध भारतीय इतिहास का एक जरूरी मोड़ था, जिसने न केवल राजनैतिक परिदृश्य को बदला, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक जरूरी कारण बना। यह युद्ध आज भी दलित समुदाय के लिए गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है। वर्ष 2018 में भीमा कोरेगाओं के 200वीं सालगिरह पर एकत्रित सामाजिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक आंदोलन से जुड़े लोगों को हिंदुवादी संगठनों द्वारा हिंसा फैलाकर उन्हें दोषी बनाते हुए गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, जहां मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी गई। इसी आरोप में गिरफ्तार स्टेन स्वामी की कस्टडी में मौत हो गई। अभी भी कुछ लोग जेल में है, कुछ जमानत पर हैं। आज 206वीं सालगिरह पर पढ़िए डॉ सुरेश खैरनार का यह लेख।
दख़ल ने सावित्रीबाई फुले को याद किया
वाराणसी। रुढ़िवादी समस्याओं से जूझते हुए माता सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला और खुद पहली महिला शिक्षिका बनीं। इस काम...
पुणे : सावित्री बाई फुले और जोतिबा फुले का पहला स्कूल नगर निगम ने किया धराशायी
पुणे (महाराष्ट्र)। भाजपा शासित राज्य मुम्बई के पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने अदालत के आदेश के एक महीने बाद ऐतिहासिक भिडे वाडा की जर्जर...