हमारे देश में संसद में कानून तो बन जाते हैं लेकिन कागजों पर, उन पर अमल नहीं होता और जब अमल नहीं होता तो उसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ता है। वर्ष 2013 में संसद ने मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास के रूप में रोज़गार का निषेध अधिनियम के आ जाने के बाद भी सीवर के सफाई मशीनों से न करके मैनुअल तरीके से की जा रही है।आखिर ऐसा क्यों? और मेनुअली सफाई करने वाले कर्मियों की मौतों की जिम्मेदारी किसकी होगी?