Friday, January 3, 2025
Friday, January 3, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsSilo

TAG

silo

किसान रहे ठनठनगोपाल : सरकारी खरीद और समर्थन मूल्य की कोई गारंटी नहीं

किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल बेचने की सहूलियत देने के लिए कृषि उपज मंडियों का निर्माण किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि घोषित समर्थन मूल्य से कम पर यहां किसानों के फसल की खरीदी नहीं होगी। लेकिन अब देश में ऐसी कोई भी मंडी नहीं है, जहां इस बात की गारंटी हो। अनाज व्यापारियों को मंडियों से ही खरीदने की बाध्यता खत्म कर दिए जाने के बाद अब ये मंडियां बीमार हो गई है। इस तरह किसानों को न तो खरीद की, न समर्थन मूल्य की और न ही वितरण व्यवस्था की कोई गारंटी प्राप्त है। किसान लगातार परेशान हैं और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हैं।

किसानों के साहस और जज़्बे की हद नहीं

 किसान को पिज्जा खाते, जींस पहने हुए या एसी में देखकर दलाल और कोर्पोरटी किस्म के लोगों से सहन नहीं होता और उन्हें वे किसान मानने से इंकार करते हैं लेकिन अमिताभ बच्चन किसान हो सकता है भले उन्हें किसानी का क भी न आए। ऐसे दलाल लोग के साथ सरकार भी चाहती है कि देश की कृषि व्यवस्था कॉर्पोरेट के हाथ मे चले जाये और कृषि के यह तीन कानून इसी व्यवस्था को मजबूत करने की साजिश है।

ताज़ा ख़बरें