उन्होंने पूछा कि “यदि चुनाव एक ही समय पर होते हैं, तो इससे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य विधानसभाओं को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग करना होगा और यह भारतीय संविधान के खिलाफ होगा। अगर केंद्र सरकार अपना बहुमत खो देती है, तो क्या वे सभी राज्य विधानसभाओं को भंग कर देंगे और पूरे भारत में एक साथ चुनाव कराएंगे? अगर उन राज्यों में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जहां राज्य सरकार गिर जाती है, तो क्या केंद्र सरकार में सत्ता में बैठे लोग चुनाव कराने के लिए आगे आएंगे? क्या इससे अधिक हास्यास्पद कुछ और है? सिर्फ लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव ही नहीं क्या स्थानीय निकायों के चुनाव भी एक साथ कराना संभव है?”