Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsVidhyabhushan rawat

TAG

vidhyabhushan rawat

फुले-अंबेडकरवादी आंदोलनों के बहुस्तरीय विकास को समर्पित जीवन

कॉमरेड विलास सोनवणे का निधन पूरे देश में दलित-ओबीसी-पसमांदा आंदोलन के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। वह उन गिने-चुने लोगों में से एक...

बुद्ध की ऐतिहासिक विरासत को बचाने के लिए पूरा जीवन लगा देने वाले एक इतिहासकार

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित कुशीनगर आज दुनिया भर के बौद्ध लोगों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। बौद्धकाल में कुशीनगर को...

चिपको आंदोलन का केंद्र रहा रेणी गाँव अब राजनीति और कॉर्पोरेट के गिद्धों का शिकार है

रेणी गाँव के लोग निराश हैं।  गाँव में गौरा देवी की आदमकद प्रतिमा थी जो अब वहाँ से हटा दी गयी है। नेताओं को इसका कोई दर्द नहीं कि एक आदिवासी महिला, जिसने हमारे देश को दुनिया के पर्यावरणवादियों की नज़र में ऊंचा स्थान दिलवाया उसका गाँव ख़त्म होने वाला है।  वह जगह हमारे नक़्शे से गायब हो सकती है जहाँ से दुनिया को चिपको का सन्देश मिला।

उत्तराखंड के आदिवासियों की ज़मीनें हड़प ली गईं, उनको न्याय चाहिए

बोक्सा जनजाति अधिकतर तराई और भावर के इलाके में रहती है और यहाँ पर यह अब अपनी ही जमीन से बेदखल और बंधुआ हो गई है। तराई भावर में वे देहरादून के डोईवाला क्षेत्र से लेकर पौड़ी जनपद के दुगड्डा ब्लाक तक इनकी काफी संख्या थी। कोटद्वार के तराई भावर के इलाकों जैसे लाल ढंग में भी इनकी संख्या बहुत है।  कोटवार-उधम सिंह नगर के मध्य रामनगर में भी इनकी आबादी निवास करती है।

क्या रामप्रीत नट ने बनारसी मुसहर की हत्या की थी ?

पिछले वर्ष 24 मई की सुबह उस समय हडकंप मच गया जब गाँववालों ने दो व्यक्तियों को सड़क की दो तरफ गिरा पाया। एक व्यक्ति में थोड़ी-बहुत सांस चल रही थी जबकि दूसरे का सर धड़ से अलग कर दिया गया था और ऑंखें भी फोड़ डाली गयी थीं। पहचान करने पर पता चला कि मृतक व्यक्ति का नाम बनारसी मुसहर था और वह कोइलसवा गाँव के निवासी थे।

आखिर कब मिलेगा बनारसी मुसहर को न्याय?

जैसे जैसे मुसहर समाज अपने अधिकारों के लिए सजग हो रहा है वैसे वैसे जातिवादी ताकतें भी उनके आत्म सम्मान को षड्यंत्रपूर्वक तोड़ने का प्रयास कर रही हैं । इसलिए यह आवश्यक है कि प्रशासन और सरकार इस बात को गंभीरता से ले ताकि समाज के इस सबसे दबे-कुचले समुदाय को न्याय मिले और वह भी राष्ट्र की मुख्यधारा में आकर अपना योगदान कर सके।

ताज़ा ख़बरें