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World Health Organization
घटिया और नकली दवाएं दे रहीं हैं जन स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती
अक्सर गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया के अंतर्गत दवाओं के किसी बैच के सैंपल या नमूने की जाँच की जाती है कि उसमें कोई मिलावट न हो, दवाओं में ऐक्टिव फार्मास्यूटिकल एजेंट की मात्रा सही हो, आदि। परंतु गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया में प्रायः यह जांच नहीं होती कि दवाओं की जैव समतुल्यता और स्थिरता, विभिन्न मौसम तापमान और नमी में भी सही रहती है या नहीं। गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया में यह भी पुष्टि की जानी चाहिए कि दवाएं जैव समतुल्य और स्थिर रहें।
दवाओं के दुरुपयोग को बंद किए बिना कैसे होगी स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा?
दुनिया भर में स्वास्थ्य और दवाओं को लेकर नए नए अनुसंधान जरूर हो रहे हैं लेकिन घटिया और नकली दवाओं के कारण अनेक बीमारियाँ लाइलाज हो रही हैं। साथ ही दवा प्रतिरोधक रोग से अधिक रोगी इलाज के अभाव में मर रहे हैं। यह खतरा केवल मनुष्यों के जीवन पर ही नहीं है बल्कि मवेशियों और पशुधन पर भी बढ़ा है। वैसे भी देर हो चुकी है लेकिन सतर्कता फिर भी जरूरी है।
सामाजिक संवाद की कड़ियाँ टूटने से अकेले पड़ते जा रहे हैं बुजुर्ग
अपर्णा -
औसत उम्र में वृद्धि होने के बाद देश में बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन सामाजिकता में लगातार कमी आई है, जिसकी वजह से बुजुर्गों में अकेलेपन की समस्या बढ़ गई है। इस बढ़ती हुई समस्या के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सामाजिक संपर्क के लिए एक आयोग की स्थापना तीन वर्षों के लिए की है। स्वास्थ्य संगठन की चिंता वाजिब है लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की सामाजिकता से क्या हल निकल पायेगा या यह केवल खानापूर्ति ही साबित होगा।
क्या धरती से पुरुषों की प्रजाति गायब होने वाली है?
हम सभी जानते हैं कि गर्भ में पलने वाले बच्चे का लिंग निश्चित करने में यानी कि वह बेटा होगा या बेटी, यह एक्स और वाई क्रोमोसोम में रहने वाले जींस पर निर्भर करता है। पुरुषों में वाई क्रोमोसोम धीरे-धीरे घट रहा है। स्पष्ट रूप से कहें तो पुरुष के वीर्य से वाई क्रोमोसोम गायब हो रहा है। जिस समय यह गुणसूत्र शुक्राणु से पूरी तरह गायब हो जाएगा तो उसके बाद दुनिया की कोई भी स्त्री पुत्र को जन्म नहीं दे सकेगी। डिलीवरी मात्र बेटियों की होगी।
खरगे ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार वापसी की जताई उम्मीद तथा दिल्ली की अन्य खबरें
नयी दिल्ली, (भाषा)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान आरंभ होने के बाद मंगलवार...
जहरीली हुई दिल्ली की हवा, 10 नवंबर तक बंद रहेंगे प्राथमिक विद्यालय
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली में हवा की प्रतिकूल स्थितियों खासतौर पर रात के दौरान हवाओं के शांत रहने के बीच रविवार को भी लगातार...
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, धुंध की घनी परत बरकरार
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की अपेक्षाकृत बेहतर गति के कारण रातभर में प्रदूषण के स्तर में मामूली...
महिला जागरूकता से ही संभव है स्वस्थ समाज का निर्माण
मुजफ्फरपुर (बिहार)। स्वस्थ मातृत्व और स्वस्थ शिशु ही समाज और राष्ट्र के लिए मानव संसाधन को पूरा कर सकते हैं। तभी देश का चहुंमुखी...
जल संकट के कारण खेत सूख रहे हैं और लोग आर्सेनिक वाला पानी पी रहे हैं!
इस गाँव के आखिरी छोर पर एक सरकारी नल लगा है, यहीं से सम्पूर्ण ग्रामीणवासी पानी भरते हैं। गाँव के सभी चापाकल सूख गए हैं, अब इस गाँव में 700 फिट से ज्यादा पर पानी मिलता है जिसका खर्च आमतौर दलित मोहल्ला के ग्रामीण वासी नहीं कर पाते हैं। गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या की वजह से बहुएं अपने मायके चली जाती हैं, गाँव के कई युवकों की शादी नहीं हो रही है, क्योंकि जब शादी करके कोई महिला आएगी तो उसे पानी लेने के लिए दूर गाँव के छोर पर जाना पड़ेगा।

