Wednesday, July 2, 2025
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राजस्थान : केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से भी नहीं हुई धुआँ मुक्त रसोई

2016 में केंद्र सरकार की शुरू की गई उज्ज्वला योजना के बड़े-बड़े होर्डिंग में लाभार्थियों के आँकड़े करोड़ों में दिखते हैं लेकिन जमीनी वास्तविकता कुछ और ही है। एक बार लोगों को सिलेंडर जरूर मिले लेकिन दुबारा गैस भरवाने के लिए पैसे न होने की वजह से चूल्हे पर ही खाना पकाने का काम गाँव की महिलाएं कर रही हैं। परिणाम आज भी इन्हें धुएं झेलते हुए खाना बनाना पड़ रहा है, जो इन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

महिलाओं की तरक्की का रास्ता भी हैं पक्की सड़कें

किसी भी शहर या गाँव के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकास की पहली शर्त वहाँ पक्की सड़क का होना होता है। अच्छी सड़क उस गाँव या शहर तक लोगों की पहुँच आसान बनाती है। सड़क की कमी का सबसे ज्यादा असर वहाँ की महिलाओं के आगे बढ़ने में बाधक होती हैं। पक्की सड़क बाहर की दुनिया से जोड़ती है। दरअसल रास्ते का वीरान होना, अंधेरा होना और 'रात को मत निकलो' जैसे वाक्य ये सब किसी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से कहीं ज्यादा, महिलाओं को ‘घर तक सीमित’ रखने वाली सोच का हिस्सा नजर आता है।

राजस्थान : रोजी-रोटी की तलाश में स्ट्रीट वेन्डर कर रहे हैं चुनौतियों का सामना

देश में रोजगार का बड़ा संकट शिक्षित लोगों के लिए तो है ही लेकिन जो अशिक्षित हैं, उन्हें भी रोजगार के लिए रास्ते तलाशने पड़ते हैं। उनमें से बहुत से लोग सड़क किनारे या घूम घूम कर सामान बेचने का काम करते हैं लेकिन उससे इतनी कमाई नहीं हो पाती है कि रोजमर्रा की जरूरत पूरी हो पाए। बहुत से परेशानियों के बाद भी ए संघर्ष कर जीवन चलाते हैं।

राजस्थान : किसी भी रोज़गार में निरंतरता और स्थायित्व जरूरी है

रोजगार के हर क्षेत्र में महिलाएं मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। चाहे वह छोटी-सी चाय की दुकान हो, कपड़े प्रेस करने का काम हो, साप्ताहिक बाजार में कपड़े और घरेलू सामान बेचना हो या फिर बागवानी करना - हर जगह महिलाएं न केवल काम कर रही हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही हैं। लेकिन उनका यह सफर आसान नहीं है। इन महिलाओं को हर दिन कई समस्यायों का सामना करना पड़ता है।

राजस्थान : पहचान के लिए संघर्ष करता गाड़िया लोहार समुदाय

देश भले 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात करता हो लेकिन आज भी ऐसे अनेक समुदाय हैं, जहां लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। ऐसा ही राजस्थान का लोहार समुदाय है, जिनके पास हुनर तो है लेकिन आज अत्याधुनिक तकनीकें आ जाने से उनका काम नहीं चल रहा है। जिसकी वजह से ये अच्छे और सुरक्षित भविष्य के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं जबकि सरकार विकास की अनेक योजनाएं लागू है। प्रश्न यह उठता है कि क्यों इन तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुँच पा रही हैं।

बाबू जगदेव प्रसाद प्रतिमा स्थल दीनापुर चिरईगांव में जातिगत जनगणना संवाद संपन्न

  अवधेश पटेल ने ब्राह्मणी, मनुवादी  व्यवस्था व संस्कार  को लात मार  मानवता  व वैज्ञानिकता  की  मिसाल  पेश किया     वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव...

 सोनभद्र के उम्भा गाँव के आदिवासी पीड़ितों को किया गया सम्मानित 

वाराणसी समेत आस-पास के जिलो के यातना पीड़ितों को किया गया सम्मानित 19 अगस्त, 2021 को  मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास ने देश में  चल रही...

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और खेती से जुड़े मुद्दों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए दिया गया ज्ञापन

एक देश समान शिक्षा अभियान एवं आशा ट्रस्ट की कोशिश एक देश समान शिक्षा अभियान और  आशा ट्रस्ट से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को...

दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय बंद करने के विरोध में ज्ञापन

वाराणसी। जनपद में श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय दुर्गाकुंड के ठीक सामने स्थित है। हनुमान प्रसाद पोद्दार सेवा समिति ट्रस्ट विद्यालय को संचालित...

स्टेन स्वामी की हिरासत में हत्या और राजनीतिक बंदियों के रिहाई के लिए प्रतिरोध सभा

आज फादर स्टेन स्वामी की राज्य द्वारा साजिशन की गई हत्या के खिलाफ व अन्य राजनैतिक बंदियों की रिहाई को लेकर शहर के ऐपवा,...

कल शाम साढ़े चार बजे बीएचयू गेट चलें!

न्यायिक हिरासत में हुई फादर स्टेन की मौत के खिलाफ कल शाम साढ़े चार बजे एक प्रतिरोध सभा बुलाई गई है । समाजवादी जन...
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