दिल्ली। बिलकिस बानो मामले में उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार से दोषियों की सजा माफी की याचिका पर विचार करने संबंधी एक अन्य पीठ के 13 मई, 2022 के आदेश को ‘अमान्य’ माना।
उच्चतम न्यायालय ने दोषियों की सजा माफी पर दूसरी पीठ के 13 मई, 2022 के आदेश पर कहा कि यह ‘अदालत को गुमराह’ करके हासिल किया गया था।
बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की गुजरात सरकार द्वारा बलात्कारियों की सजा से छूट वाले आदेश को निरस्त कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो से बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के मामले में बिना सोचे समझे दोषियों की सजा माफ करने के लिए गुजरात सरकार को फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने इन ग्यारह दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल में अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।
15 अगस्त, 2022 को आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर जब प्रधानमंत्री महिलाओं के सशक्तीकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के बारे में भाषण दे रहे थे, तब गुजरात राज्य द्वारा बिल्किस बानो के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और उसके परिवारजनों के जघन्य नरसंहार के 11 अपराधियों को रिहा करने का निर्णय, देश ही नहीं वरन समूची दुनिया को स्तब्ध कर देने वाला था।
2002 मे गोधरा सांप्रदायिक दंगों के समय गर्भवती बिलकिस बानो का 11 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और इनके परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी।
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