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भारत में बुलडोजर की राजनीति इज़राइल से आई है

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए, दो सिंतबर, सोमवार को साफ-साफ शब्दों में कहा कि 'अगर कोई व्यक्ति आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथ और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि ‘अगर कोई व्यक्ति दोषी भी हो तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।' जमीयत ने आरोप लगाया है कि ‘बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है।' जबसे उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला,  उनके भीतर जैसे कोई स्पर्द्धा चल रही है कि सबसे उग्र हिंदूत्ववादी कौन है?।

ए जी नूरानी : सांप्रदायिकता के खिलाफ एक साहसी और कद्दावर वकील

देश के प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ और न्यायविद ए जी नूरानी का निधन मुम्बई स्थित उनके आवास पर हो गया। वह विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित कानूनी और राजनीतिक घटनाक्रमों पर अपने लेखों के लिए जाने जाते हैं। हमारे देश ने आज मानवाधिकारों के एक महान वकील को खो दिया है। मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

दलितों के वर्गीकरण से पहले संविधान और सफाईकर्मियों की समझ जरूरी है – डॉ. रत्नेश कातुलकर

सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण और इसमें क्रीमी लेयर लगाने का सुझाव दिया है। यह ऐसा फैसला है, जिसका कुछ लोग स्वागत कर रहे हैं तो काफी लोग विरोध भी। यह मामला दलितों के भीतर सफाई के काम व अन्य अस्वच्छ माने जाने वाले कामों में संलग्न जातियों का है, जिनके बारे में आम लोगों को सीमित जानकारी है। वे मान्यताओं के आधार पर जानकारी रखते हैं। यह अज्ञानता न सिर्फ सामान्य लोगों में ही नहीं बल्कि प्रख्यात चिंतक योगेंद्र यादव तक में नज़र आई। जिन्होंने इस निर्णय पर अपने आलेख और इंटरव्यू से सबका ध्यान आकर्षित किया है। इस समस्या की वास्तविकता को जानने के लिये हमने सफाईकर्मी जाति समूह पर अध्ययन करने वाले समाज वैज्ञानिक डॉ. रत्नेश कातुलकर से विस्तार जानना चाहा है। जिन्होंने उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश और छ्त्तीसगढ़ राज्यों के सफाईकर्मी समुदाय का एक लम्बे समय तक अध्ययन किया है। इस पर उन्होंने अपनी किताब ‘ऑउटकास्ट्स ऑन मार्जिन्स: एक्स्क्लुज़न एंड डिस्क्रिमिनेशन ऑफ स्केवेंजिंग कम्युनिटिस’ लिखी है। पेश है इस मामले में डॉ. सुरेश अहिरवार की डॉ. रत्नेश कातुलकर से बातचीत 

दुकानों पर नाम प्रकरण : निशाने पर पसमांदा मुसलमान, सुप्रीम कोर्ट ने लोकतन्त्र की हिमायत की

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों ने जिस तरह से काँवड़ यात्रा की राह में पड़ने वाली दुकानों, ठेलों और होटलों पर मालिक के नाम की तख्ती अथवा फ़्लेक्स लगाने का फरमान जारी किया वह निश्चित रूप मेहनतकश पसमांदा मुसलमानों को निशाने पर लेने का प्रयास था। यह 2024 के चुनाव में घुटनों के बल आई भाजपा की हताशा को दर्शाता है। लेकिन इससे भी बढ़कर विकराल होती बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उलझाने का षड्यंत्र भी है। भाजपा को लगता है कि इस तरह के नैरेटिव बनाकर वह न सिर्फ हिंदू दूकानदारों बल्कि रोजगार की उम्मीद में उम्रदराज़ हो रहे युवाओं को भी खुश कर देगी। यह एक खतरनाक कदम था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाम लगाया।

उच्चतम न्यायालय ने मतदान आंकड़े 48 घंटे के भीतर जारी करने की याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा

उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

बाबाओं के इलाज को खतरनाक बताया सुप्रीम कोर्ट ने

आज हमारे देश में तार्किक सोच और पद्धतियों से परे केवल आस्था पर आधारित ज्ञान का ढोल पीटा जा रहा है। अनेक बाबा इस काम को अंजाम दे रहे हैं लेकिन शैक्षणिक संस्थाओं में भी आस्था आधारित ज्ञान विद्यार्थियों के दिमाग में ठूँसने का काम किया जा रहा है।

चुनाव मतगणना में VVPAT की सभी पर्चियों की गिनती होगी या नहीं ? संबंधित याचिका पर 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एक अप्रैल को न्यायालय ने निर्वाचन आयोग और केंद्र से नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की एक याचिका पर जवाब मांगा था। याचिका में चुनावों में वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

एल्गार परिषद केस में शोमा सेन को जमानत, 6 साल से जेल में बंद थीं दलित एवं महिला अधिकार कार्यकर्ता

शोमा सेन को 6 जून, 2018 को गिरफ्तार किया गया। उनके ऊपर यूएपीए के तहत अपराध का मामला दर्ज किया गया। शोमा सेन पर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाया गया है।

मुख्तार अंसारी की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, पुलिस हिरासत में हुई मौतों की CBI जांच की मांग

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सुप्रीम कोर्ट में कहा है, ‘पिछले सात सालों में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में 10 गैंगस्टर की मौत हुई है। इन 10 में से भी 7 की मौत तब हुई जब उन्हें अदालत की सुनवाई या स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया जा रहा था।' 

सुप्रीम कोर्ट : पत्रकारिता की अभिव्यक्ति की रक्षा के संवैधानिक आदेश को कम करके न आंकें अदालतें

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह ब्लूमबर्ग को आपत्तिजनक लेख को हटाने वाले निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को दूसरा पक्ष सुने बिना किसी भी लेख पर रोक लगाने से बचना चाहिए।

इलेक्टोरल बॉन्ड : SBI ने सौंपी बॉन्ड के सीरियल नंबर की जानकारी, अब पता चलेगा किसने किसको कितना चंदा दिया

इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में सबसे ज्यादा धनराशि प्राप्त करने वाली पार्टी भाजपा है। भाजपा को मदद देने वाले कुल दानदाताओं की संख्या 487 है। भाजपा को सबसे अधिक 6,060 करोड़ रूपए का चंदा मिला है।

मीडिया की आज़ादी छीनने की कोशिश को नाकाम कर सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की रक्षा की

केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 20 मार्च को ही इस यूनिट के गठन की अधिसूचना जारी की थी और अगले ही दिन यानी 21 मार्च को कोर्ट ने इसे रोक दिया।

 चुनावी बॉण्ड का जाति शास्त्र

भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए जाति की सही भागीदारी बहुत आवश्यक है। सवर्णों के हाथों में पाॅवर होने के कारण उनके अन्दर का भय खत्म हो गया है। ऐसे में शक्ति के स्रोतों में विविधता नीति लागू होने पर भ्रष्टाचार तो पूरी तरह खत्म नहीं होगा पर उसके प्रभाव क्षेत्र में 80-85 प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी।

इलेक्टोरल बॉन्ड का भंडाफोड़ : पीएम केयर्स फंड का नंबर कब आएगा?

पीएम केयर्स फंड की स्थापना से लेकर संचालन तक पर सवाल हैं। सरकार ने इसका ऑडिट क्यों नहीं होने दिया? इसे आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं लाया गया?

इलेक्टोराल बॉन्ड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड का नंबर जल्द जारी करने का दिया आदेश

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसबीआई को फटकार लगाई और इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर जारी करने का भी आदेश दिया।

चुनावी बॉण्ड मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच जरूरी : कांग्रेस

चुनावी बाॅन्ड के बहाने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल हुआ है। इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होना ही चाहिए।

इलेक्टोरल बॉण्ड घोटाला : सरकार और कॉर्पोरेट के गठजोड़ का नायाब नमूना

असल सवाल है कि इस घोटाले की जांच होगी या राफेल और अडानी के घोटाले की तरह सरकार इसकी भी जांच नहीं होने देगी? 

सीएए संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, 19 मार्च को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट, सीएए से जुड़ी लगभग 200 अधिक याचिकाओं की सुनवाई के लिए समहत हो गया है। कोर्ट, नागरिकता संशोधन नियमावली, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर 19 मार्च को सुनवाई करेगा।

चुनावी बॉण्ड का आंकड़ा जारी, खरीदारों में अरबपति और भुनाने वालों में भाजपा सबसे आगे

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इस बॉन्ड को खरीदने और भुनाने वालों की सूची जारी की। इस सूची में बॉन्ड भुनाने वालों में भाजपा का नाम सबसे ऊपर है।

राजनीति का काला कारोबार : इलेक्टोरल बॉन्ड, शेल कंपनियां, छापा और चुनावी चंदा

यह तथ्य है कि भाजपा के राज में विदेशों में काला धन बढ़ रहा है। सत्ता में बैठी पार्टी खुद शेल कंपनियों से चंदा ले रही है।

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