गोरखपुर जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय विश्वनाथपुर, ब्रह्मपुर के गरीब घर से आने वाले बच्चों ने हर साल की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय आय एवं पात्रता परीक्षा 2024 में अच्छी रैंक प्राप्त कर यह दिखा दिया कि किसी चीज को प्राप्त करने के लिए लगन के साथ ही बस सच्चे मन से लगने की जरूरत होती है।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विश्वनाथपुर, ब्रह्मपुर, गोरखपुर के तीन बच्चे बृजकिशोरी, काजल और रंकेश्वर जो बेहद ही गरीब घर से आते हैं, ने राष्ट्रीय आय एवं पात्रता परीक्षा 2024 में सफलता हासिल की है। ग्रामीण क्षेत्र के एवं अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों की सफलता से पूरा विद्यालय परिवार हर्षित है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ प्रतिमा मिश्रा ने बताया कि अगर यह बच्चे सरकारी विद्यालयों में दाखिला लेते हैं तो बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक प्रति वर्ष 12000/- की दर से कुल 48000/- रुपये छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त होगा। डॉ प्रतिमा मिश्रा ने बताया कि विद्यालय की छात्रा कुमारी बृजकिशोरी ने 118 अंक प्राप्त कर जिले में 23 वां स्थान, काजल ने 110 अंक प्राप्त कर जिले में 31वां तथा छात्र रंकेश्वर ने 108 अंकों के साथ जिले में 33वां स्थान प्राप्त किया। कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल रसूलपुर न. 2 की छात्रा शिवांगी यादव ने ब्लॉक में प्रथम तथा जनपद में 14वां रैंक प्राप्त किया।
शुक्रवार को अयोजित सम्मान समारोह में ब्लॉक मंत्री श्री चंद्रभूषण तिवारी जी ने बच्चों को पदक प्रदान कर सम्मानित करते हुए उनकी सफलता का श्रेय उनके सतत प्रयास, माता पिता के सहयोग एवं विद्यालय के शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को दिया। साथ ही साथ विद्यालय के शिक्षण माहौल की भी सराहना की। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डा. प्रतिमा मिश्रा ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि सफलता का एकमात्र विकल्प सतत प्रयास और लक्ष्य के प्रति समर्पण है।
डॉ प्रतिमा मिश्रा ने बताया कि इन तीनों में सबसे गरीब बृजकिशोरी है जिसके पिता का देहांत कोरोना काल के दौरान हो गया। उसकी पांच बहनें हैं। वह दूसरे नम्बर की है और पढ़ने के प्रति वह जागरूक है। इसी प्रकार से काजल भी पढ़ने में काफी मेहनत करती है। काजल की इच्छा पढ़-लिखकर बहुत आगे जाने की है। तीसरा बच्चा जो राष्ट्रीय आय एवं पात्रता परीक्षा में इस विद्यालय से आया है वह है रंकेश्वर। वह भी बहुत गरीब है। रंकेश्वर के बारे में बताती हुई प्रतिमा मिश्रा कहती हैं कि इसकी तार्किक क्षमता बहुत तेज है। उसे सही मार्गदर्शन मिला तो वह बहुत आगे जाएगा।
देखा जाय तो परिषदीय विद्यालयों में गरीब घरों के बच्चे ही पढ़ते हैं। ऐसे में इन गरीब बच्चों में शामिल प्रतिभाशाली बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए परिषदीय विद्यालयों में ‘मिशन शिक्षण संवाद’ शुरू हुआ। डा प्रतिभा मिश्रा बताती हैं कि इसके तहत बच्चों को एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाता है। जिसमें खेलकूद, शिक्षा और बच्चे की अन्य रुचियों को जानकर उनकी प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जाता है। पिछले तीन सालों में हमारा सामूहिक प्रयास रंग ला रहा है। हमारे विद्यालय के एक छात्र का चयन स्पोटर्स कॉलेज में हो गया चुका है।
यही नहीं इसके पूर्व राष्ट्रीय आविष्कार प्रतियोगिता में यहां के बच्चों का चयन हो चुका है। कुमारी संजना का 2023 में जबकि प्रियंका रामनगीना का 2022 में चयन हो चुका है।
बच्चों को परीक्षा के लिए किस तरह से तैयार करते हैं आप लोग? सवाल के जवाब में डॉ प्रतिमा बताती हैं इसके लिए पहले विद्यालय में बच्चों के बीच एक माहौल बनाते हैं। उनके गुण को जानकर हम उनको उस दिशा में अच्छा करने के लिए प्ररित करते हैं और उन्हें मानसिक रूप से तैयार करते हैं। जब हम उसकी तैयारी से संतुष्ट होते हैं तो उसका सम्बंधित फार्म आने पर भरवाते है।
इन बच्चों के सम्मान में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के शिक्षक श्वेता उपाध्याय, राकेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय विश्वनाथपुर के अभय कुमार पाठक एवम अनुदेशक सोना प्रजापति, सन्नी कुमार, जितेन्द्र कुमार एवम रसोइया तथा अभिभावक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह, डी सी विवेक जयसवाल, खण्ड शिक्षा अधिकारी भारत भूषण जायसवाल, जिला नोडल संतोष कुमार राव, प्रवीण कुमार मिश्रा एवं समस्त ए.आर.पी. ब्रह्मपुर का मार्गदर्शन प्राप्त होने के लिए विद्यालय की तरफ से धन्यवाद दिया गया।