सेना ने इस बात पर जोर दिया कि वह सैनिकों के बीच इस आधार पर भेदभाव नहीं करती कि वे अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन से पहले या बाद में सेना में शामिल हुए थे। ऐसे आरोप थे कि सिंह के अंतिम संस्कार में सैन्य सम्मान नहीं दिया गया क्योंकि वह एक अग्निवीर सैनिक थे।
अग्निवीर अमृतपाल को सैनी सम्मान ना दिये जाने को लेकर पंजाब की राज्य सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि इस देश में जब किसी राजनेता की मृत्यु होती है तो आप देखते हैं कि शोक दिवस की घोषणा की जाती है और स्मारक बनाये जाते हैं। हालाँकि, यदि कोई अग्निवीर कर्तव्य निभाते हुए मर जाता है, तो उन्हें वह दर्जा नहीं दिया जाता है, उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर भी नहीं दिया जाता है। सोशल मीडिया पर भी अग्निवीर को सैन्य सम्मान ना दिये जाने को लेकर दुख और सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अग्निवीर अमृतपाल को शहीद का दर्जा देने की मांग की जा रही है। पंजाब सरकार ने राज्य की तरफ से शहीदों को दी जाने वाली धनराशि 1 करोड़ रूपये देने की घोषणा कर दी है।
सेना के नगरोटा मुख्यालय स्थित व्हाइट नाइट कोर ने शनिवार को कहा कि सिंह ने राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। रविवार रात एक बयान में सेना ने कहा कि सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से संबंधित तथ्यों की कुछ ‘गलतफहमी और गलत बयानी’ हुई है।
(एजेंसी से प्राप्त इनपुट के आधार पर।)
अग्निवीर अमृतपाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं किए जाने को लेकर विपक्ष के नेता केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर, सोशल मीडिया पर शहीद का दर्जा देने को लेकर उठ रही है मांग
नयी दिल्ली (भाषा)। सेना ने रविवार को कहा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली और उनके अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ नहीं किया गया क्योंकि खुद को पहुंचायी गयी चोट से होने वाली मौत के मामले में ऐसा सम्मान नहीं दिया जाता है।