योगेन्द्र यादव
लेखक, भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
विचार
लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई संसद से ज्यादा सड़क पर लड़नी पड़ेगी
आजादी के बाद की पीढिय़ां इस दायित्व का निर्वाह ईमानदारी से नहीं कर पाई हैं। इसीलिए संविधान विरोधी और देश विरोधी विचार और राजनीति आज संवैधानिक सत्ता पर काबिज है। उसका मुकाबला तभी हो सकता है जब हम संविधान की भाषा को जनता के मुहावरे और जनता के सरोकार से जोड़ें।
विचार
मोदी की गारंटी में किसानों के लिए कुछ भी नहीं, पुराने वादे भी नहीं किए पूरे
भाजपा 'मुद्दों' की जगह 'मोदी' और 'जवान-किसान' की जगह 'हिन्दू-मुसलमान' से काम चलाना चाहती है। पहले किसान को एम.एस.पी. देने का वादा और उनकी आमदनी डबल करने का वादा कर मोदी जी फंस गए थे। इसलिए इस बार तय किया गया है कि कोई भी ऐसा वादा न किया जाए जिसका बाद में हिसाब देना पड़े।
अर्थव्यवस्था
किसानों की आय दोगुना करने के दावे के बावजूद अंतरिम बजट से किसान ही गायब
सरकार द्वारा चुनाव से 2 महीने पहले प्रस्तुत अंतरिम बजट से यूं तो किसानों ने कोई बड़ी उम्मीद नहीं बांधी थी। लेकिन कृषि संकट...