Friday, July 5, 2024
होमराज्यछत्तीसगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी सहमति को लागू करें केंद्र...

ताज़ा ख़बरें

संबंधित खबरें

छत्तीसगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी सहमति को लागू करें केंद्र सरकार

रायपुर। देशव्यापी किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी लिखित सहमति के आधार पर केंद्र सरकार अपने वायदों पर अमल करें। उक्त मांग को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक पत्रक के माध्यम से उठाया है। सोमवार को एसकेएम की जिला इकाईयों ने किसानों की अन्य मांगों को लेकर अपने-अपने जनपद के […]

रायपुर। देशव्यापी किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी लिखित सहमति के आधार पर केंद्र सरकार अपने वायदों पर अमल करें। उक्त मांग को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक पत्रक के माध्यम से उठाया है। सोमवार को एसकेएम की जिला इकाईयों ने किसानों की अन्य मांगों को लेकर अपने-अपने जनपद के जिलाधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग किया गया है कि किसान नेताओं पर दर्ज सभी एफआईआर वापस लिए जाए तथा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सकल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने हेतु कानून बनाया जाए है।

आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य संयोजक संजय पराते ने बताया कि धमतरी, कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर सहित विभिन्न जनपदों में जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को ये ज्ञापन दिए गए हैं। ज्ञापन में 29 नवंबर को बीकेयू नेता युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी सहित अन्य किसान नेताओं को देशव्यापी किसान आंदोलन के सिलसिले में दर्ज एफआईआर पर संबंधित नेताओं को परेशान एवं प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए इन सभी मामलों को वापस लेने की मांग की गई है, जिसका लिखित वादा केंद्र सरकार ने किया था।

ज्ञापन में रेखांकित किया गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसानों का देशव्यापी संघर्ष घरेलू और विदेशी कॉर्पोरेट पूंजी के तहत कृषि के कॉर्पोरेटीकरण को लागू करने के खिलाफ किसानों, खेत मजदूरों और ग्रामीण गरीबों के हितों की रक्षा के लिए एक जन विद्रोह था और केंद्र सरकार को तीन कॉर्पोरेट समर्थक कृषि अधिनियमों को वापस लेने के लिए मजबूर करने में सफल रहा। केंद्र सरकार ने लाभकारी समर्थन मूल्य सहित सभी मांगों पर अमल करने का आश्वासन दिया था, जिससे आज वह न केवल मुकर रही है, बल्कि किसानों के संघर्ष को राष्ट्र-विरोधी, विदेशी और आतंकवादी ताकतों द्वारा वित्त पोषित बताते हुए निराधार दुष्प्रचार कर रही है। किसान सभा ने केंद्र सरकार के इस किसान विरोधी रवैए की तीखी निंदा की है और राष्ट्रपति से अपील की है कि किसान आंदोलन के साथ हुई सहमति को लागू करने के लिए सकारात्मक हस्तक्षेप करें।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय खबरें