ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने एवं नए गुणों को सिखाने हेतु इग्नस पहल द्वारा अपने बड़ागांव-कविरामपुर मार्ग स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में विगत चार दिनों से विभिन्न उम्र के बच्चों के साथ ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में बच्चों के लिए गतिविधि आधारित समर एक्टिविटी के अंतर्गत – ‘मिलजुल रचें-बनाएं सीखें और सिखाएं’ को केंद्र में रखकर खेल-खेल में सिखाने का आयोजन हुआ। इस शिविर में 5 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों की उम्र के हिसाब से एक्टिविटी कराई गई। 3 जून से शुरू हुए इस शिविर का आज 6 जून को समापन हुआ।
समर एक्टिविटी में सामाजिक विज्ञान, खेल, आर्ट और क्राफ्ट, विज्ञान के प्रयोग, भाषा, गणित, हस्तकला आदि विषयों पर बच्चों के स्तर रचनात्मक तरीके के अनुसार काम किया गया। जिसकी वजह से बच्चे उत्साह से शामिल हुए। शिविर का उद्देश्य ही था कि उन्हें यहाँ स्कूल से कुछ अलग महसूस हो, सीखने में रुचि पैदा हो, खुद को बिना किसी झिझक के अभिव्यक्त कर पाएँ और आपसी सामञ्ज्स्य स्थापित करने में आसानी हो।
चार दिन चलने वाले इस शिविर में अंतिम दिन इग्नस के प्रकाशन मनन बुक द्वारा प्रकाशित बच्चों के पत्रिका चहक और मितवा के अंक प्रत्येक बच्चे को देकर कार्यक्रम का समापन किया गया।
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इग्नस पहल संस्था वर्तमान में आई.सी.डी.एस. विभाग (समन्वित बाल विकास योजना ) के साथ मिलकर वाराणसी जिले के दो ब्लाक पिण्डरा एवं बडागांव के आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा विभाग द्वारा चयनित लर्निंग लैब केन्द्रों में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पहल पाठ्यक्रम को कार्यान्वित करने का काम कर रही है।