अपराधियों को सीधे गोली मारकर जहन्नुम भेजने का दावा करने वाले पुलिसस्टेट में तब्दील हो चुके राज्य में डबल इंजन की नाक के नीचे सेक्स और नशे का धंधा करने का आरोप है इन बदमाशों पर। ये इम्पॉसिबल है कि बिज़नेस मॉडल के ऐसे संगठित अपराध बिना पुलिस के जानकारी के फल फूल पाएं।
उड़ान ट्रस्ट इंडिया और नट समुदाय संघर्ष समिति बेलवा वाराणसी समाज उत्थान सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में विमुक्त घुमंतु खानाबदोश समुदाय के लिए महिला मुक्ति दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पूरे देश में आज धर्म की अंधी दौड़ में मानवीयता पीछे छूटती जा रही है, वही 15 वीं सदी में पैदा हुए रैदास ने ब्राह्मणवादी संस्कारों के सख्त खिलाफ रहते हुए मनुष्यों में समानता और जाति से बाहर आकर जीने की बात कही। लेकिन उनके लेखन और विचारों का इतना प्रचार नही हुआ, जिसके वे हकदार थे। रैदास इसी गौरवशाली परंपरा से संबंधित थे, जो मध्यकाल में भारत में फली-फूली। वे भक्ति परंपरा के उत्तर भारतीय संत थे, एक ऐसी परंपरा जिसका गरीब मुसलमान और हिंदू दोनों सम्मान करते थे। वे एक गरीब मोची परिवार से थे।
विनोबा जयंती, 11 सितम्बर 2024 को राजघाट वाराणसी में सर्व सेवा संघ परिसर के पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ शुरू हुआ 100 दिवसीय सत्याग्रह - न्याय के दीप जलाओ - के आज 19 दिसम्बर 2024 को 100 दिन पूरे हो गए
राजघाट वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ परिसर के पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ विनोबा जयंती, 11 सितंबर 2024 से प्रारंभ 100 दिन का सत्याग्रह- न्याय के दीप जलाएं का कल 19 दिसंबर 2024 को 100 दिन पूरा हो जाएगा। इसके लिए देश भर से गांधीवादी कार्यकर्ता वाराणसी पहुँच रहे हैं।
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 98 वां दिन है।
शिक्षाप्लस परियोजना का लक्ष्य ग्रामीण समुदायों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। इसके तहत ग्रामीण भारत में वंचित तबकों को शिक्षित कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की परिकल्पना की गई है।
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 96 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।
वरुणा नदी पुनरुद्धार संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मुम्बई एवं आईआईटी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट देहरादून के वैज्ञानिक, पर्यावरण के प्रति सचेत नागरिक, पर्यावरण कार्यकर्ता, भू सेवा जल सेवा अभियान के कार्यकर्ता, वरुणा नदी संवाद यात्रा के सदस्य और साझा संस्कृति मंच के सदस्य शामिल रहे।
सरकार योजनाएँ लाती है और इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट पास करती है। योजना की घोषणा के बाद लगता है कि अब सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी लेकिन तंत्र में बैठे लोग योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की जुगत लगाते हैं। ऊपर तो भ्रष्टाचार है ही नीचे वाले जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं, वे भी गरीब मजदूर जनता को साफ-साफ ठगने का काम करते हैं। योगी सरकार का दावा है कि हर रोज 40 हजार नए नल में पानी की आपूर्ति हो रही है, गाँव में नल तो लगे हुए हैं लेकिन अधिकाशत: नलों में पानी की जगह हवा निकल रही और जो दावे की पोल खोल रही है। वाराणसी के नहवानीपुर नट बस्ती से अपर्णा की ग्राउंड रिपोर्ट
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 95 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर ‘न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह’ जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।
जौनपुर की धरोहरें केवल इतिहास का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे एक जीवंत संस्कृति का प्रतीक भी हैं। अगर इन स्थलों को सहेजने और प्रचारित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, तो यह शहर न केवल अपनी पहचान बचा सकता है, बल्कि पर्यटन के माध्यम से विकास की नई कहानी भी लिख सकता है। जौनपुर शहर की पहचान जिन ऐतिहासिक धरोहरों से होती है, वे देखरेख के अभाव में लगातार खंडहर में तब्दील हो रही हैं। लगभग 600 साल पुरानी इस विरासत होने के बावजूद यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में अपनी कोई पहचान नहीं बना पाया है। पढ़िए आनंद देव की ग्राउंड रिपोर्ट
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 94 वां दिन है।
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 91 वां दिन है।
वाराणसी के बेलवाँ नट बस्ती में 6 दिसंबर को बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस पर याद करते हुए नट समुदाय संघर्ष समिति के संयोजक ने उड़ान - मानवाधिकार और सामाजिक न्याय संस्थान नामक ट्रस्ट की स्थापना की। यह संगठन मानवाधिकार, सामाजिक न्याय और विमुक्त घूमन्तु समुदायों के कल्याण के लिए काम करेगा।
जिन महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर पूरी दुनिया, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ भी 2 अक्टूबर, गांधी जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है उन गांधी की विरासत को RSS-भाजपा सरकार ने सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहर को ध्वस्त कर दिया। इसे वापस पाने के लिए विनोबा भावे की जयंती 11 सितंबर से 100 दिनी उपवास शुरू कर अहिंसा का पालन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह कर रहे हैं।