Sunday, May 19, 2024
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वाराणसी: पुलिसिया दमन के एक साल बाद बैरवन में क्या सोचते हैं किसान

वाराणसी संसदीय क्षेत्र की रोहनिया विधानसभा का एक गाँव बैरवन पिछले एक साल से भय और अनिश्चितता के माहौल में जी रहा है। वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जानेवाले ट्रांसपोर्ट नगर के लिए बैरवन को भी उजाड़ा जाना है। विडम्बना यह है कि कुछ किसानों ने बहुत पहले अपनी ज़मीनों का मुआवजा ले लिया जबकि अधिसंख्य किसानों ने नहीं लिया। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है वे आंदोलन करके आज की दर से मुआवजा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। इसी रस्साकशी का फायदा उठाकर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने पिछले साल मई महीने में ज़मीनों पर कब्जा करना शुरू किया। इसका विरोध होने पर अगले दिन पुलिस ने गाँव में घुसकर लाठीचार्ज किया। एक साल बीतने और लोकसभा चुनाव के ऐन मौके पर इस गाँव के लोग क्या सोच रहे हैं?

आयुष्मान भारत योजना : वाराणसी मंडल का 15 करोड़ का भुगतान रद्द

आज सरकार रेवडियों की तरह आयुष्मान कार्ड तो बना रही है लेकिन सालाना स्वस्थ्य का बजट नहीं बढ़ा रही है। ऐसे में सरकार की गरीब लोगों को अच्छी और मुफ्त स्वास्थ्य योजना का लाभ देने की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।

वाराणसी : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में निजी स्कूलों की मनमानी, बच्चों की पढ़ाई अभिभावकों के लिए बनी चुनौती

कोई भी स्कूल तभी अपने यहां फीस वृद्धि कर सकता है जब सीपीआई (उपभोक्ता सूची सूचकांक) में बढ़ोत्तरी होती है। यही नहीं कोई भी स्कूल अभिभावक को किसी भी विशेष दुकान से कापी-किताब खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए अध्यादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

Banaras : कांशीराम आवास में रहने वाले सैकड़ों लोग क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं?

कांशीराम आवास कम आमदनी वालों के लिए बनाया गया था लेकिन आज इन आवासों की स्थिति बहुत ही जर्जर हो चुकी है।

वाराणसी : सीवर सफाईकर्मी को सुरक्षा उपकरणों के बिना ही मेनहोल में उतारा, दम घुटने से हुई मौत

देश में 2018 से नवंबर 2023 तक 400 से अधिक सफाईकर्मियों की मौत हुई है। 2018 में 76 मौतें, 2019 में 133, 2020 में 35, 2021 में 66, 2022 में 84 और नवंबर 2023 तक 49 मौतें दर्ज की गई थीं।

PM Modi के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी नहीं हो रही MSP पर सरसों की खरीद, किसानों में नाराजगी

पिंडरा के ही चनौली बसनी के किसान राजनाथ पटेल सवाल उठाते हैं, ‘क्या यही अच्छे दिन हैं? क्या इसीलिए जनता ने मोदी जी को चुना था? आज तो किसान बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुका है। आज किसानों को MSP के नाम पर सिर्फ बेवकूफ बनाया जा रहा है। सरकार अगर एमएसपी दे रही है तो फसलों की खरीद के लिए क्रय केन्द्र क्यों नहीं खोल रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीरभानपुर गांव में कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर आदिवासी

तमाम सरकारी दावों के बीच प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आदिवासी आज भी कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पिछले तीन वर्षों से बीरभानपुर के वनवासी कुएं से पानी निकाल कर पी रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन या गांव के प्रधान की ओर से हैंडपंप को बनवाने या नया हैंडपंप लगवाने की कोई जरूरत नहीं समझी गई।

काशी : अंतिम संस्कार के लिए परिजन अपनों की लाशें लेकर इधर से उधर क्यों भटक रहे हैं?

भारत देश में काशी नगरी पर आस्था रखने वालों की यह दिली तमन्ना होती है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार इसी नगरी में किया जाये। यहाँ अंतिम संस्कार के लिए आसपास के लोग आते भी हैं। लेकिन इधर प्रशासन ने शव ले जाने वाले मणिकर्णिका रास्ते में बदलाव कर भैंसासुर घाट से ले जाने का आदेश जारी कर जनता के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।

वाराणसी : पीएम मोदी ने जिस गांव को गोद लिया उस ‘जयापुर’ में गरीबों के राशन में हो रही घटतौली

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भ्रष्टाचार और कोटेदारों की मनमानी आज भी जारी है। प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर की भी यही कहानी है, गरीबों की थाली से लूट जारी है।

लोकसभा चुनाव : वाराणसी में इस बार ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव, बोले अजय राय

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय आमने-सामने हैं। मोदी से लगातार दो बार परास्त होने के बाद अजय राय इस बार जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्या ये मुद्दे उन्हें संसद तक पहुंचा पाएंगे?

वाराणसी : PM मोदी ने जिस गांव को गोद लिया, उस ‘जयापुर’ में एक अदद छत के लिए तरस रहे ग्रामीण

जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ आवास बनाने का दावा ठोंक रही है वहीं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गोद लिए गांव 'जयापुर' में अभी भी कई परिवार झोंपड़पट्टी में रहने को मजबूर हैं।

बनारस : क्या मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने पर जाने से रोका जाएगा?

ज्ञानवापी विवाद मामले पर वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने के ऊपर मुस्लिम श्रद्धालुओं को जाने से रोकने के अनुरोध वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तारीख तय की है।

वाराणसी : इग्नस पहल ने ‘वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका’ पर आयोजित की परिचर्चा

 इग्नस पहल के वाराणसी स्थित नए क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर एक दिवसीय शैक्षिक संवाद एवं परिचर्चा का आयोजन ‘वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका (परिप्रेक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)’विषय पर हुआ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अभिभावक और शिक्षक एक-दूसरे से कैसे सामंजस्य रखे ताकि बच्चे पर सकारात्मक असर कैसे दिखाई दे, इस पर बातचीत की गई।

बनारस की श्रुति नागवंशी को मिला महिला उद्यमी सम्मान

श्रुति नागवंशी ने समाज के ऐसे लोगों के बीच काम किया है, जिन्हें आजतक समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं किया गया है.। उनके बीच काम करते हुए उन्होंने लगातार सफलता प्राप्त की।

वाराणसी : रामनगर में रजिस्ट्री कराने के शासनादेश के खिलाफ अधिवक्ताओं का धरना जारी

वाराणसी के 22 मोहल्लों की रजिस्ट्री रामनगर में कराये जाने के शासनादेश के खिलाफ अधिवक्ताओं ने शुरू की हड़ताल। अधिवक्ताओं ने इस आदेश को बताया तुगलकी फरमान।

बनारस में नहीं होते ये दलित IPS तो कभी नहीं बनता संत शिरोमणि रविदास का भव्य मंदिर

बनारस में नहीं होते ये दलित IPS अधिकारी एसआर दारापुरी तो कभी नहीं बन पाता संत शिरोमणि रविदास का भव्य मंदिर, वरिष्ठ पत्रकार अजय...

वाराणसी : सड़कों के जाल से घिरे गाँवों में स्कूल और अस्पताल नहीं, फिर से ज़मीन जाने से आशंकित हैं किसान

वाराणसी से जौनपुर जाने के लिए बनी फोर लेन सड़क के किनारे पिण्डरा तहसील के आसपास के लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जिनमें न तो विद्यालय हैं और न ही स्वास्थ्य केन्द्र। ऊपर से किसानों को काशी द्वार के नाम पर फिर से जमीनें जाने का भय सता रहा है।

जौनपुर: स्थानीय लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है चंदवक पुल

वाराणसी से गोरखपुर वाया आजमगढ़ जाते समय वाराणसी के बाद जौनपुर की सीमा के तकरीबन 4-5 किलोमीटर की दूर गोमती नदी पर बना हुआ सेतु नजर आ जाता है। यह स्थान जौनपुर जिले के चंदवक बाजार के समीप है। इसे चंदवक- गोमती नदी पुल के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ दो-दो समानांतर सेतु हैं। ठीक बगल में तीसरे सेतु का भी निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ दिखाई देता है।

वाराणसी : जिला जज का आदेश, ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक न होने पाये

वाराणसी की जिला अदालत ने आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौपे जाने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने दोनों पक्षों को यह भी हिदायत दी कि इस रिपोर्ट को अपने तक ही सीमित रखा जाय। इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।

स्वच्छ सर्वेक्षण : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का पायदान लुढ़का, नगर निगम को मिला 41वां स्थान

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वच्छ भारत की मुहिम को उनके संसदीय क्षेत्र में ही तगड़ा झटका लगा जब स्वच्छ सर्वेक्षण में वाराणसी 20वें...

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