दिल्ली पुलिस ने मीडिया संस्थान न्यूज़क्लिक के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में शनिवार को चार्ज-शीट दाखिल कर दी है।
इस संस्थान पर चीन समर्थक प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन प्राप्त करने का आरोप है। जबकि न्यूजक्लिक शुरू से ही इन आरोपों से इंकार करता रहा है।
पिछले छः महीने से न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती जेल में बंद हैं।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिछले साल यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18 और 22 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए तथा धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था।
न्यूज़क्लिक को लेकर मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों में तोड़-मरोड़ कर खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।
न्यूज़क्लिक ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए लिखा, ‘न्यूज़क्लिक दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले की जांच के बारे में मीडिया में प्रकाशित आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है। जैसा कि हमने कई बार दोहराया है, न्यूज़क्लिक को चीन या चीनी संस्थाओं से कोई फंडिंग या निर्देश नहीं मिला है। न ही यह किसी ‘राष्ट्र-विरोधी’ गतिविधि में शामिल हुआ है, न ही उसे प्रोत्साहित किया गया है।’
न्यूज़क्लिक जनपक्षधर मीडिया संस्था के रूप में कार्य करता रहा है। तमाम मुद्दों पर लोकतान्त्रिक संस्थाओं और सत्ता की जवाबदेही सुनिश्चित करता रहा है।
न्यूज़क्लिक आगे लिखता है, ‘विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ बार-बार ऐसे आरोप लगाए हैं, लेकिन वे कोई सबूत देने में विफल रहे हैं, और नवीनतम दावे भी अलग नहीं हैं। न्यूज़क्लिक का सारा काम सार्वजनिक डोमेन में है। एक संक्षिप्त अवलोकन यह स्थापित करने के लिए पर्याप्त है कि न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ आरोप हमारी स्वतंत्र पत्रकारिता को ख़त्म करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि सुनवाई के दौरान ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया जाएगा। हमारा काम सही साबित होगा।’
हालांकि दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्ज-शीट मामले में न्यूज़क्लिक की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।