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तेलंगाना में नए मुख्यमंत्री लेंगे शपथ लेकिन तीन राज्यों में भाजपा नहीं तय कर पाई नाम

हैदराबाद (भाषा)। तेलंगाना में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद बृहस्पतिवार को राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। छप्पन वर्षीय नेता का शपथ ग्रहण समारोह यहां दोपहर एक बजकर चार मिनट पर विशाल एलबी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। राज्य […]

हैदराबाद (भाषा)। तेलंगाना में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद बृहस्पतिवार को राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। छप्पन वर्षीय नेता का शपथ ग्रहण समारोह यहां दोपहर एक बजकर चार मिनट पर विशाल एलबी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।

राज्य की मुख्य सचिव ए शांति कुमारी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रवि गुप्ता ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बुधवार को समारोह स्थल का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के शामिल होने की उम्मीद है।

रेवंत रेड्डी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए लोगों को खुला निमंत्रण दिया और कहा कि ‘जनता की सरकार’ आज कार्यभार संभालेगी, जो लोकतांत्रिक तथा पारदर्शी शासन को महत्व देगी। मीडिया में आई खबरों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के निर्वाचित विधायक एवं पिछली विधानसभा में सीएलपी नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कुछ अन्य उपमुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ले सकते हैं। विधानसभा के सदस्यों की संख्या के हिसाब से  तेलंगाना में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हो सकते हैं।

रेवंत रेड्डी के निमंत्रण पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) महासचिव डी. राजा भी समारोह में शामिल हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए सीपीआई ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।

राज्य के डीजीपी रवि गुप्ता ने बुधवार को कहा कि यातायात सुगम बनाने और अन्य तरह की पुख्ता व्यवस्था की गई है ताकि जनता को कम से कम असुविधा हो। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले कुछ अति महत्वपूर्ण लोग शहर के बाहरी इलाके में विमान से राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचेंगे, जबकि अन्य बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। एआईसीसी नेतृत्व ने रेवंत रेड्डी को सीएलपी का नेता और तेलंगाना का अगला मुख्यमंत्री नामित किया है। हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर 119 में से 64 सीट जीती हैं। जबकि बीआरएस के खाते में  39 सीटें आईं तो भाजपा को  8 सीटों से संतोष करना पड़ा।

ए.रेवंत रेड्डी के समक्ष हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा दी गई छह चुनावी ‘गारंटी’ पूरी करने की चुनौती होगी। साथ ही  रेड्डी को कई अन्य राजनीतिक चुनौतियों का भी सामना करना होगा। माना जाता है कि राज्य में कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण छह गारंटी पेश करने वाला पार्टी का मजबूत चुनाव अभियान रहा है। इन छह गारंटी में तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बसों में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का वादा सबसे आकर्षक है। कांग्रेस ने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ करने का भी वादा किया है।

बीआरएस सरकार ने एक लाख रुपये तक की छूट के लिए 21,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था। गणना के अनुसार, कांग्रेस को कृषि ऋण माफी को लागू करने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए कम से कम 35,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की आवश्यकता है। इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने रायथु भरोसा गारंटी योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ सालाना 15,000 रुपये और खेतिहर श्रमिकों को 12,000 रुपये देने का वादा किया है। बीआरएस सरकार की रायथु बंधु योजना के तहत, किसानों को सालाना 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता था। बीआरएस सरकार ने पिछले साढ़े पांच वर्षों के दौरान ऐसी ही योजना के तहत 72,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिससे 70 लाख किसान लाभान्वित हुए।

मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के साथ ही अनुमुला रेवंत रेड्डी के  सामने जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का भारी बोझ होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इन चुनौतियों का सामना कैसे कराते हैं।

कांग्रेस ने उठाया सवाल भाजपा नतीजों के तीन दिन बाद भी मुख्यमंत्री तय नहीं कर पाई 

 कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों के नाम की घोषणा में ‘देरी’ को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव नतीजों के तीन दिन बीत जाने के बावजूद भाजपा इन प्रदेशों में नाम तय नहीं कर पाई है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आखिर भाजपा से इस ‘देरी’ के लिए सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि कांग्रेस से 24 घंटे में ही सवाल शुरू हो जाते हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम आए थे। उसके 24 घंटे के भीतर ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री की नियुक्ति में तथाकथित ‘देरी’ के लिए मीडिया में सभी जगह कांग्रेस पार्टी की आलोचना होने लगी थी। हमारे मुख्यमंत्री की घोषणा तो परसों ही हो चुकी है और आज दोपहर एक बजे वह शपथ लेने जा रहे हैं।’’

रमेश ने कहा, ‘‘तीन दिन बीतने के बाद भी भाजपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए अपने मुख्यमंत्रियों की घोषणा तक नहीं कर पाई है। इसे उतनी ही बेचैनी और प्रमुखता से क्यों नहीं उठाया जा रहा है, जैसे कांग्रेस के समक्ष उठाया जाता है। क्या वास्तव में देर नहीं हो रही है?’’

कांग्रेस ने मंगलवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के नाम की घोषणा कर दी थी। हालिया विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को जीत मिली है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस जीती है।

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