Thursday, November 21, 2024
Thursday, November 21, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमराष्ट्रीयप्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष बने नवनीत कुमार सहगल

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष बने नवनीत कुमार सहगल

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। उनके पद का कार्यभार संभालने की तारीख से तीन साल की अवधि या उनके 70 वर्ष का होने तक प्रभावी होगी।

नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो सेवानिवृत्त नौकरशाह हैं। यह पद चार साल से रिक्त था। उन्होंने ए.सूर्य प्रकाश की जगह ली हैं, जिनकी कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया था। सूर्य प्रकाश 70 वर्ष के हो चुके हैं, जो इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा 15 मार्च को जारी एक आदेश में कहा गया है कि “…राष्ट्रपति को, चयन समिति की सिफारिश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। उनके पद का कार्यभार संभालने की तारीख से तीन साल की अवधि या उनके 70 वर्ष का होने तक प्रभावी होगी।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को देश के सरकारी प्रसारणकर्ता के अध्यक्ष का चयन करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रसार भारती के अध्यक्ष पद के लिए चयन समिति के उपराष्ट्रपति प्रमुख होते हैं। इस समिति में भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और राष्ट्रपति द्वारा नामित एक सदस्य शामिल होते हैं। इस बैठक में भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई और सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू शामिल हुए।

सबसे चर्चित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी में से एक

नवनीत सहगल, उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी में से एक हैं, जिन्होंने 35 साल की सेवा के बाद पिछले साल सेवानिवृत्ति ले ली थी। 1988 बैच के अधिकारी के रूप में, नवनीत सहगल ने मायावती, अखिलेश यादव, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोर ग्रुप में काम किया है। चाहे सरकार कितनी भी बदले, लेकिन सहगल हर सरकार में प्रभावशाली रहे हैं।

1988 बैच के यूपी कैडर के IAS अधिकारी नवनीत सहगल, ब्यूरोक्रेसी में 35 साल काम करने के बाद अगस्त 2023 में रिटायर हो गए। सहगल ब्यूरोक्रेसी के प्रमुख चेहरों में रहे, जहाँ सत्ता किसी भी दल की हो, उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। इसलिए, उन्हें ‘कमबैक’ का मास्टर कहा जाता रहा।

यूपी की ब्यूरोक्रेसी में, सहगल पिछले दो दशकों से चर्चाओं और ताकत के केंद्र में रहे। 3 मई 2002 को मायावती तीसरी बार यूपी की मुख्यमंत्री बनीं, तो सहगल को वाराणसी से लखनऊ का डिप्टी कमिश्नर बनाया गया। हालांकि, ढाई महीने बाद ही उन्हें राजस्व परिषद भेज दिया गया, लेकिन एक महीने के भीतर सहगल ने फिर लखनऊ के डीएम की कुर्सी हासिल कर ली। अब उन्हें प्रसार भारती बोर्ड के नए चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here