मेहनतकशी की अंतहीन शृंखला और इसके बावजूद वंचना और कर्ज के जाल ने किसानों को बुरी तरह तोड़ा है और अब वह कृषि-वाणिज्य में अपनी समुचित भागीदारी चाहता है। इसीलिए इस मेले में चलते हुये एक साथ कई विडंबनाओं के दर्शन होते हैं। हालांकि इसका सबसे सकारात्मक पक्ष यह है कि यह चार जिलों के किसानों को आपस में एकसूत्र में जोड़ रहा हूँ अनेक स्टालों पर घूमते हुए यह लगा कि बहराइच का यह इलाका कई मामलों में समृद्ध है। हरी-भरी सब्जियां देखकर मन को एक अलग तरीके की खुशी मिल रही थी। एक स्टाल पर एक बड़ा सा कोंहड़ा और बहुत बड़ी गोभी रखी हुई थी। आकार-प्रकार में अलग-अलग आलू की कई प्रजातियाँ थीं। मेले में जैविक खेती के पितामह शिवशक्ति सिंह ने बताया कि किसानों के लिए लिए ऐसा बाजार नहीं जहाँ सीधे अपने उत्पाद को बेच सकें। वहां लगे हर स्टाल की अपनी विशेषता थी। किसान मेला की इस रिपोर्ट को देखिये,शेयर कीजिये और चैनल को सब्सक्राइब कीजिये।
उन्नत किसानों को पहचान दिलाने का आयोजन
मेहनतकशी की अंतहीन शृंखला और इसके बावजूद वंचना और कर्ज के जाल ने किसानों को बुरी तरह तोड़ा है और अब वह कृषि-वाणिज्य में अपनी समुचित भागीदारी चाहता है। इसीलिए इस मेले में चलते हुये एक साथ कई विडंबनाओं के दर्शन होते हैं। हालांकि इसका सबसे सकारात्मक पक्ष यह है कि यह चार जिलों के […]