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ग्राउंड रिपोर्ट

रामनवमी पर जिलों को एक लाख रुपये देने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका

प्रदेश सरकार के इस कृत्य से संविधान के मूल ढांचे की अवहेलना होती है। याचिका में कहा गया है कि भारत एक सेकुलर राष्ट्र है जिसमें सरकार का कोई धर्म नहीं हो सकता है जबकि प्रमुख सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में साफ तौर पर जनता के पैसे का उपयोग धार्मिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए खर्च किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का गैर-धर्मनिरपेक्ष चेहरा दिखाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव द्वारा 10 मार्च को समस्त जिलाधिकारी व मण्डलायुक्तों को रामनवमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की जारी अधिसूचना के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश दाखिल याचिका पर 28 मार्च को सुनवाई करेंगे।

समाजसेवी राजीव यादव की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार के इस कृत्य से संविधान के मूल ढांचे की अवहेलना होती है। याचिका में कहा गया है कि भारत एक सेकुलर राष्ट्र है जिसमें सरकार का कोई धर्म नहीं हो सकता है जबकि प्रमुख सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में साफ तौर पर जनता के पैसे का उपयोग धार्मिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए खर्च किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का गैर-धर्मनिरपेक्ष चेहरा दिखाता है।

प्रमुख सचिव द्वारा जारी अधिसूचना में जिलाधिकारियों को विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। प्रति जनपद में रामनवमी के दिन प्रस्तुति करने वाले कलाकारों को संस्कृति विभाग द्वारा एक लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

राजीव यादव का बयान

उपरोक्त अधिसूचना को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम की ओर से जारी किया गया है। उनके प्रति याचिका में यह कहा गया है कि अपने राजनीतिक प्रभुओं को खुश करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण पोस्टिंग को बचाये रखने की गरज से एक लोक सेवक के रूप में लिए गए शपथ का उल्लंघन किया गया है। जो कि संविधान के प्रति एक अपराध है और जानबूझकर किये गए इस अपराध के लिए उन्हें दंडित करने की भी मांग की गई है।

याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी सरकार के द्वारा किये जाने वाले इस तरह के कार्य आधुनिक भारत के  निर्माताओं के संघर्षों, स्वप्नों और भारत निर्माण के उनके मॉडल के ऊपर सीधा प्रहार है जो कि भारतीय राष्ट्र के ऊपर एक हमला है।

बाइक से निकाली गई शोभायात्रा में शामिल युवक (गोंडा की शोभायात्रा का बस से लिया गया वीडियो)

पूर्वी अवध इलाके में जो हमने देखा

नवरात्रि के पहले दिन गोंडा से बस वापस आते समय गोंडा में ही एक शोभायात्रा दिखी जो शोभायात्रा से ज्यादा युवाओं के शक्ति प्रदर्शन का आभास ज्यादा दे रहा था, इस शोभायात्रा  में युवक अपनी बाइक पर थे और पीछे बैठे युवक भगवा रंग का झंडा लहराते हुए जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे साथ ही झंडे पर राम के रौद्र रूप का चित्र था जिसमें राम हाथ में तीर लिए हुए थे। डीजे पर उत्तेजित कर देने वाला लययुक्त नारा चल रहा था, जिसे सुनकर लग रहा था कि यह भीड़ अब कहीं हमला करने जा रही है।  एक युवक बड़ी-सी गाड़ी के ऊपर बैठा हुआ था।

दूसरा दृश्य गोंडा जिले के  नवाबगंज बाज़ार में देखने को मिला। इस शोभायात्रा में महिलायें अपने सिर पर कलश रखी हुईं पैदल चल रही थी और उनके पीछे लगभग डेढ़-दो सौ काली-सफ़ेद स्कॉर्पियो थीं जिससे 8 किलोमीटर के रास्ते पर जाम लगा हुआ था। हमारी बस के आगे और पीछे सैकड़ों गाड़ियाँ थीं जो एक जगह ठहरी हुई थीं और मौक़ा पाते ही  धीरे-धीरे सरक रही थीं। बस ने इस रास्ते को लगभग एक घंटे में पार किया। जहाँ शोभा यात्रा समाप्त हुई वहां पुलिस थी लेकिन पुलिस का काम भगवा वस्त्र पहना एक युवक कर रहा था जो डंडे से लोगों  को पुलिसिया अंदाज़ में निर्देश दे रहा था। यह एक मंदिर के महंत की देख-रेख में हो रहा था। यह एक तरह से शक्ति-प्रदर्शन था क्योंकि जिस जगह जुलूस था वहाँ एक मस्जिद थी और लाउडस्पीकर पर धमकी भरे स्वर में चीख रहा था कि भारत में रहना है तो बंदे मातरम कहना सीखो। 

लययुक्त उन्मादित नारा डीजे पर बजता हुआ (बस से लिया गया वीडियो)

दोनों ही शोभायात्रा में युवाओं की संख्या ज्यादा थी। इनका ज़िक्र करना जरूरी इसलिए है कि नवरात्रि से एक दिन पहले से ही खबर चल रही  थी कि सभी जिलों को रामनवमी के लिए योगी सरकार से एक-एक लाख रुपये दिए गये हैं। जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह बर्बाद करना यह बताता है कि रामराज्य की निरंकुशता में पैसा खर्च करने की क्या प्राथमिकता है और खज़ाना किस बात पर लुटाया जा रहा है। यह देश से धर्मनिरपेक्षता को पूरी तरह खत्म करने के उद्देश्य के तहत  किया जा रहा है।  देश में सांस्कृतिक विरासत को बचाने के नाम पर युवाओं के दिमाग को साम्प्रदायिक गतिविधियों की तरफ मोड़ा जा रहा है जबकि लोग यह नहीं समझ रहे हैं उनके द्वारा अपना लिए गए उन्माद और किए जा रहे जय-जयकार के पर्दे में कौन लोग लाभ उठा रहे हैं।

बस में बैठे दो युवा यह सब देखकर प्रफुल्लित हो रहे थे कि योगी जी ने बहुत बढ़िया काम किया। बगल में बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि अंदाज़ा करिए कि आज चुनरी, अबीर, नारियल, डीजे, पेट्रोल का कितना बड़ा कारोबार हुआ होगा और इसका सीधे-सीधे किसको लाभ हुआ होगा? बगल में बैठे दूसरे सज्जन जानकारी देने लगे कि एक लाख तो सरकार से मिला और ग्राम प्रधानों, दुकानदारों और श्रद्धालुओं से कितने पैसे इकट्ठा हुये इसका जोड़ लगाइए!

अपर्णा
अपर्णा
अपर्णा गाँव के लोग की संस्थापक और कार्यकारी संपादक हैं।
3 COMMENTS
  1. तेलंगाना सरकार ने 1200 करोड़ का यादादरी मंदिर जनता के टैक्स से बनवाया है.किसी की औकात नहीं कि विरोध करें.

    अखिलेश यादव दर्शन करके आये हैँ.
    आंध्रा उच्च न्यायालय में क्यों नहीं शिकायत किया..

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