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नहीं रहीं मलयालम की जानी मानी उपन्यासकार पी वलसला

कोझिकोड (भाषा) ।  प्रख्यात मलयालम उपन्यासकार पी. वलसला का यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वलसला की उम्र 85 वर्ष थी। उन्हें मंगलवार की रात दिल का दौरा पड़ा था। राज्य की प्रमुख लेखिकाओं में से एक वलसला को, केरल साहित्य अकादमी अवार्ड समेत कई […]

कोझिकोड (भाषा) ।  प्रख्यात मलयालम उपन्यासकार पी. वलसला का यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वलसला की उम्र 85 वर्ष थी। उन्हें मंगलवार की रात दिल का दौरा पड़ा था। राज्य की प्रमुख लेखिकाओं में से एक वलसला को, केरल साहित्य अकादमी अवार्ड समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया था। ‘नेल्लु’, ‘अग्नायम‘ और ‘वेनल’ उनके कुछ प्रमुख उपन्यास हैं। उनकी रचनाएं कई बार पुनर्मुद्रित हुईं। वह अपनी विशिष्ट लेखन शैली के लिए जानी जाती थीं।

पी. वलसाला (4 अप्रैल 1938 – 21 नवंबर 2023) एक भारतीय मलयालम उपन्यासकार, लघु कथाकार और केरल की सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वह केरल सरकार द्वारा सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान, एज़ुथाचन पुरस्कारम 2021 की प्राप्तकर्ता हैं ।1993 में इसकी स्थापना के बाद से यह पुरस्कार पाने वाली वह केवल पांचवीं महिला थीं। वलसाला को उनके उपन्यास निज़ालुरंगुन्ना वाज़िकल (द पाथ्स व्हेयर शैडोज़ स्लीप) के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । उन्होंने 25 से अधिक लघु कहानी संग्रह और 17 उपन्यास लिखे हैं। वह अपनी विशिष्ट लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।

उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें कुमकुमम पुरस्कार ( 1972 में प्रकाशित नेल्लु के लिए), केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (निज़ालुरंगुन्ना वाज़िकल के लिए), मुत्ताथु वर्की पुरस्कार और सीवी कुन्हिरमन मेमोरियल साहित्य पुरस्कार शामिल हैं। पूर्व प्रधानाध्यापिका वलसाला ने केरल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष का पद भी संभाला था। वह वामपंथी झुकाव वाले सांस्कृतिक आंदोलन पुकासा से जुड़ी थीं , लेकिन हाल ही में वह हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों की समर्थक रही हैं।

हम जो चाहते थे वह हमें नहीं मिला, इसलिए एशिया कप के परिणाम के बारे में मत पूछिए: स्टिमक

भुवनेश्वर (भाषा)। भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने कहा कि वह दोहा में होने वाले एशिया कप को महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के रूप में नहीं देख रहे हैं क्योंकि टीम उचित अभ्यास शिविर के बिना उसमें भाग लेगी। स्टिमक 12 जनवरी से शुरू होने वाले महत्वपूर्ण महाद्वीपीय टूर्नामेंट से पहले कम से कम चार सप्ताह का राष्ट्रीय शिविर चाहते हैं लेकिन इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का शुरुआती चरण 29 दिसंबर तक चलेगा और ऐसे में क्लब अपने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय शिविर में जाने की अनुमति नहीं देंगे। भारत को एशिया कप में अपना पहला मैच 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया से खेलना है तथा स्टिमक को इससे पहले अभ्यास शिविर के लिए केवल 10 दिन का समय मिलने की संभावना है। भारत के ग्रुप में शामिल दो अन्य टीम उज़्बेकिस्तान और सीरिया हैं।

स्टिमक ने कहा,‘हमें वह नहीं मिला जो हम चाहते हैं। मेरा स्पष्ट कहना है कि आप हमें समय दीजिए और मैं आपको अपेक्षित परिणाम दे सकता हूं। समय नहीं देने के कारण परिणाम या इस तरह की अन्य चीजों के बारे में मत पूछिए। इसे भूल जाइए।’ उन्होंने विश्व कप क्वालीफाइंग के दूसरे दौर के मैच में भारत की कतर के हाथों 0-3 से हार के बाद कहा, ‘ मैं अपने खिलाड़ियों के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए गर्व से वहां (दोहा) जाऊंगा। हम अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे लेकिन हमारे पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है। आप 12-13 दिन में कुछ भी तैयारी नहीं कर सकते हैं।’

स्टिमक ने कहा कि एशिया कप में सभी टीम लंबे अभ्यास शिविर के बाद भाग लेंगी। उन्होंने कहा, ‘हम उज़्बेकिस्तान का सामना करने जा रहे हैं जो छह सप्ताह के अभ्यास शिविर के बाद टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा। मैं ऑस्ट्रेलिया को वह टीम नहीं मानता जिसे हम हरा सकते हैं। वह हमारी जद से बाहर है लेकिन हम अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’ स्टिमक ने कहा कि एशिया कप की तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने के कारण वह इस टूर्नामेंट को महत्वपूर्ण नहीं मानते हैं।  उन्होंने कहा,  ‘यह जानते हुए की एशिया कप की तैयारी के लिए हमें पर्याप्त समय नहीं मिलने वाला है, हमारे लिए विश्व कप क्वालीफायर अधिक महत्वपूर्ण बन जाते हैं। मैं एशिया कप को महत्वपूर्ण टूर्नामेंट मानकर नहीं चल रहा हूं।’

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