Sunday, September 8, 2024
Sunday, September 8, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमराष्ट्रीयएनएफएसए जैसी कल्याणकारी योजनाओं के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सामुदायिक रसोइयां खोलने...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

एनएफएसए जैसी कल्याणकारी योजनाओं के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सामुदायिक रसोइयां खोलने की याचिका की खारिज  

उच्चतम न्यायालय ने भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोई खोलने की योजना बनाने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) व अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही हैं। इसलिए सामुदायिक रसोई खोलने की कोई आवश्यकता नही है।

नयी दिल्ली। बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोई खोलने की योजना बनाने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) व अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही हैं। इसलिए सामुदायिक रसोई खोलने की कोई आवश्यकता नही है।

न्यायामूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि वैकल्पिक कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर निर्भर करता है।

पीठ ने कहा, ‘लोगों के लिए किफायती मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में भोजन सुनिश्चित करने के लिए भारत संघ और राज्यों द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। हम इस संबंध में कोई और निर्देश जारी नहीं करना चाहते। हमने इस बात पर गौर किया है कि सामुदायिक रसोई की अवधारणा एनएफएसए (एनएफएस- राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित एक कानून है जिसके माध्यम से भारत सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में जनसाधारण को खाद्यान्न उपलब्ध हो सके। ) के उद्देश्य को प्राप्त करने के वास्ते राज्यों के लिए क्या बेहतर विकल्प है। बल्कि, हम वैकल्पिक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ते हैं।‘

शीर्ष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ताओं अनुन धवन, इशान सिंह और कुंजन सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया है। याचिका में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोइयां खोलने के लिए योजना बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here