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अमरूद

एक हैं शायर वसीम एक हैं घरेलू वसीम !

पहला हिस्सा सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एक जनवादी नारा है जिसमें संसाधनों की वाज़िब हिस्सेदारी की बात उठाई गई है। यह सच्चाई पूँजीवादी…
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