साहित्य सत्यनारायण का पीढ़ा गांव के लोग Apr 29, 2022 फिलहाल शरीर का आयतन बढ़ा हुआ है। कुछ भावनाओं के सम्मान के बोझ से शरीर का 'ग्रॉस वेट' बढ़ गया है। जेब में रखे पदार्थों का वजन भी जोड़ दिया जाय,… Read More...
डायरी दलित लेखकों-विचारकों की वैचारिक दरिद्रता डायरी (26 अगस्त, 2021) गांव के लोग Aug 26, 2021 बचपन वाकई अलहदा था। अहसास ही नहीं होता था कि इंसान-इंसान के बीच कोई भेद होता है। भेद के नाम पर केवल इतना ही कि मेरी कक्षा में लड़के और… Read More...