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ब्राह्मणवाद
भारत में जाति एक ऐसा कोढ़ है जिसे निरंतर खुजलाए जाने की जरूरत रहती है
बातचीत का तीसरा और अंतिम हिस्सा
क्या आपको लगता है कि अभी तक का दलित साहित्य ब्राह्मणवाद की आलोचना तक सीमित है, उसमें विकल्प में...
चरणजीत सिंह चन्नी, लालू प्रसाद और जीतनराम मांझी डायरी (1 अक्टूबर, 2021)
बदलाव की अनेक परिभाषाएं मुमकिन हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह कि बदलाव अदिश नहीं होते। उनके साथ एक दिशा होती ही है। और फिर यह...
ब्राह्मणशाही के ख़ात्मे का मुद्दा!
यदि यह जानने का प्रयास किया जाय कि दलित आंदोलनों का केन्द्रीय तत्व क्या है, तो जो चीज उभर कर सामने आयेगी वह है...
बघेल के बयान में प्रतिबिंबित हुई है मूलनिवासियों की बेचैनी !
छत्तीसगढ़ के पेरियार के नाम से विख्यात 86 वर्षीय नन्द कुमार बघेल की छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गिरफ्तारी से मूलनिवासी वर्ग क्षोभ से भर उठा...
आपकी स्वतन्त्रता ही हमारी गुलामी है – राजेंद्र यादव
(राजेंद्र यादव को दिवंगत हुये आठ वर्ष हो गए। बेशक इन आठ वर्षों में सुसंबद्ध और निर्भीक ढंग से भारत की संघर्षशील जनता की...

