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ब्राह्मणों के जैसे कब जागेंगे दलित, पिछड़े और आदिवासी? डायरी (30 सितंबर, 2021)
शब्द बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। मैंने हमेशा यही माना है। हर शब्द की अपनी मर्यादा भी होती है। उपयोग करने के दौरान आवश्यक अनुशासन...
गंदे नालों में होनेवाली मौतें इतिहास का हिस्सा नहीं डायरी (27 अगस्त, 2021)
देश में सरकारों का स्वरूप बदल रहा है। स्वरूप बदलने का मतलब यह कि अब इस देश में सरकारें लोककल्याण को तिलांजलि देने लगी...