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Amar Ujala
आपकी डिजिटल हो चुकी खसरा-खतौनी लुटने वाली है, संभल जाइए
भाजपा शासित राज्यों की सरकारें खसरा-खतौनी-घरौनी के डिजिटलीकरण और 16 अंकों की आईडी के माध्यम से जनता में चारा फेंक चुकी हैं
बर्तोल्त ब्रेख्त ने...
दम तोड़ रहा है पूर्वांचल का हथकरघा कारोबार, कला के कारीगर मजदूरी करने को मजबूर
जरदोज़ी का काम अब सिर्फ मजदूरी का काम बन गया है। लोग इस काम के अंतिम रूप को देखते हैं और अक्सर इसमें लगी मेहनत और कौशल को देख नहीं पाते। लॉकडाउन के पहले रोजाना 12 घंटे का काम मिलता था। अब रोजाना 8 घंटे का काम मिलता है। कई सारे कारखाने बंद हो रहे हैं। मंदी की हालत में लोगों को जैसा भी काम मिल रहा है, वही करने लगे हैं।