बिना आधार कार्ड के सरकारी अस्पतालों के ओपीडी जांच और गंभीर स्थिति में भर्ती करने जैसी ज़रुरी प्रक्रिया से इन्कार कर दिया जाता है। देश में ऐसे कई केस सामने आये हैं जब गर्भवती महिला का आधारकार्ड न होने की स्थिति में भर्ती करने से मना कर दिया गया और महिला ने अस्पताल के बाहर खुले में बच्चे को जन्म दिया। आखिर ऐसी आधार(UIDAI ) व्यवस्था किस काम की जो ग़रीब बच्चे को शिक्षा और किसी मरीज को इलाज देने में बाधक बने।
उत्तर आधुनिकता के उभार और पूंजी के दबाव ने अकेलापन, व्यक्तिवाद और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर सामूहिकता और सामाजिकता के बोध को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। बावजूद इसके स्त्रियों का समूह में मेला देखने आने का चलन अभी ग्रामीण समाज में बचा हुआ देखना इस बात की बानगी है कि कृषि आधारित ग्रामीण बहुजन समाज में अभी पूंजी और उत्तरआधुनिकता का रंग उतना नहीं चढ़ा है और वहां सामूहिकता और सामाजिकता का भावबोध अभी भी बहुत ठोस और सघन दिखता है