महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले देवेन्द्र फड़णवीस का बयान आया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी शहरी नक्सलियों और अति वामपंथी तत्वों से घिरे हुए थे और वे कांग्रेसी कम और अति वामपंथी विचारधारा वाले अधिक लग रहे थे। दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी अपने गुरु एमएस गोलवलकर के कथन (बंच ऑफ थॉट्स पेज 133) के अनुसार मुस्लिम, ईसाई और कम्युनिस्ट हिंदू राष्ट्र के लिए आंतरिक खतरा हैं, फडणवीस और उनके जैसे लोग हिंदू राष्ट्र के एजेंडे के खिलाफ किसी भी चीज को या तो मुस्लिमों या ईसाइयों या शहरी नक्सलियों या अति वामपंथी के रूप में प्रचारित करते हैं।
अंधेरों को कोसना काफी नहीं होता, उन्हें चूर-चूर करने के लिए उजाला भी करना होता है; वैकल्पिक नीतियां भी लानी होती हैं। बदलाव व्यक्तियों या दलों के नहीं, नीतियों के होते हैं। वैकल्पिक नीतियां ही वह क्रिटिकलिटी पैदा करती हैं, जिससे अपार ऊर्जा बनती है। इसके अनेक उदाहरण हैं।
भारतीय सेना ने कश्मीर को पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित कबाइलियों के हाथों बर्बाद होने से बचा लिया। युद्धविराम इसलिए घोषित किया गया ताकि नागरिकों की जिंदगी बचाई जा सके और संयुक्त राष्ट्रसंघ के जरिए समस्या का कोई शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके। कश्मीर के मामले को संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले जाने के निर्णय की आज आलोचना करना बहुत आसान है परंतु तथ्य यह है कि तत्कालीन परिस्थितियों में यह सबसे बेहतर विकल्प था।
आदिवासी इलाके देश के सबसे गरीब क्षेत्रों में शामिल हैं और पिछले दो दशकों में वहां आदिवासियों के विरुद्ध हिंसा में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। आंकड़ों से पता चलता है कि यह हिंसा बड़े पैमाने पर नहीं हो रही है परंतु यह लगातार जारी है