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सामाजिक न्याय और कबीर के विचारों से प्रेरित अध्यापक कुमर किशोर का प्रयाण
अपर्णा -
मधेपुरा में जन्मे और वहीं अध्यापक रहे कुमर किशोर न केवल एक अच्छे अध्यापक रहे बल्कि एक आदर्शवादी पिता भी थे। उन्होंने बहुत कठिन स्थितियों का सामना करते हुये भी अपने मूल्यों और मान्यताओं से समझौता नहीं किया। वे सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर और भौतिकवादी नज़रिये से दुनिया को देखने वाले इंसान थे। कुमर किशोर हमेशा मानते रहे कि विचार केवल सजावटी अवधारणा नहीं हैं बल्कि व्यवहार में लागू किए जानेवाले सूत्र हैं। विगत दिनों बनारस में 76 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। उनके बेटे प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो डॉ ओमशंकर द्वारा उनके बारे में साझा किए गए विचारों पर आधारित अपर्णा का यह स्मृतिलेख।
बहुजन आर्थिक स्वतन्त्रता का नया प्रवेशद्वार, बिहार में नौकरी की बहार
3 अगस्त, 2023 को एक अखबार में ‘बिहार में महागठबंन सरकार का बड़ा दाँव :चुनाव से पहले 1.78 लाख टीचर्स भर्ती की तैयारी, जल्द...
जिन्होंने पिछड़ों के लिए कुर्सी गँवाई पिछड़े ही उन्हें कभी याद नहीं करते!
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क्या आप डॉ रत्नप्पा भरमप्पा कुम्हार को जानते हैं?
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आधुनिक भारत में वर्ग संघर्ष के आगाज का दिन है सात अगस्त!
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