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छत्तीसगढ़ को नफरत की नर्सरी बना रही है भाजपा

अंग्रेजों के समय से आज तक इस देश में ईसाई शैक्षणिक संस्थाएं सेवा और उत्कृष्टता के केंद्र हैं। ईसाई समुदाय, विशेष रूप से ननों और पादरियों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सेवा क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यही कारण है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित संघी गिरोह के कई बड़े नेता, जो आज हिंदुत्व के पुजारी बने हुए हैं, इन्हीं शिक्षा संस्थाओं से पढ़कर निकले हैं और उनका हिंदुत्व की कोई नसबंदी नहीं हुई है। इसलिए ईसाई संस्थाओं पर धर्मांतरण का थोक के भाव में आरोप लगाने का एक ही उद्देश्य है कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया जाए और समाज में सांप्रदायिक विभाजन किया जाए।

क्या मुसलमानों के बाद अब ईसाइयों की बारी है?

आए दिन ईसाई धर्म के लोगों के साथ-साथ उनके चर्च, नन और पादरियों पर धर्मांतरण के आरोप लगाकर हिंसक हमला कर उत्पीड़ित किया जा रहा है। भारत में ईसाइयों के उत्पीड़न का मुख्य स्रोत संघ परिवार है, जो हिंदू चरमपंथियों का एक संगठन है, जिसमें आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नामक प्रभावशाली अर्धसैनिक और रणनीतिक समूह, भाजपा, प्रमुख राजनीतिक दल और बजरंग दल, एक हिंसक युवा शाखा शामिल है।

छत्तीसगढ़ धर्मांतरण मामला : झूठे साबित हुए हिंदुत्व के ठेकेदार, ननों को मिली जमानत

फिलहाल सिस्टर प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस और आदिवासी युवक सुखमई को जमानत मिल गई है। इस प्रकरण में पूरे देश में हुए हंगामे के बाद एनआईए अदालत से आरोपियों को जमानत मिलने का एक ही अर्थ है कि सरकार के प्रथम दृष्टया सबूतों को अदालत ने खारिज कर दिया है।

सांसद प्रताप चंद्र सारंगी आरएसएस की विकृत परंपरा के वाहक हैँ

संसद के शीतकालीन अधिवेशन में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान तथाकथित राहुल गांधी द्वारा दिए गए धक्के से घायल बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का इतिहास पहले से ही धब्बेदार रहा है। वर्ष 1999 में फादर ग्राहम स्टेंस और उनके दो बच्चों को गाड़ी में जला देने का काम इनके विहिप के प्रदेश अध्यक्ष रहने के समय हुई थी। वैसे भी आरएसएस लगातार अल्पसंख्यकों पर हमले करने का काम आज का नहीं बल्कि 1925 के बाद से जारी है। गुजरात का गोधरा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वर्ष 2014 के बाद सत्ता में आने के बाद संविधान विरोधी कामों को बढ़ावा देने का काम कर हिन्दुत्ववादी संगठनों को मजबूत कर इसी तरह का काम करवाने की सुविधा मुहैया करा रही है।

ईसाई समुदाय को लुभाने की तैयारी में मोदी

गत 25 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई ईसाईयों को क्रिसमस की बधाई देने और उनसे बातचीत करने के लिए अपने घर...

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