सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि हरदोई में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में आज़मगढ़ से किसानों-मज़दूरों और तमाम किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शामिल होने रवाना हो चुका है।
किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल बेचने की सहूलियत देने के लिए कृषि उपज मंडियों का निर्माण किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि घोषित समर्थन मूल्य से कम पर यहां किसानों के फसल की खरीदी नहीं होगी। लेकिन अब देश में ऐसी कोई भी मंडी नहीं है, जहां इस बात की गारंटी हो। अनाज व्यापारियों को मंडियों से ही खरीदने की बाध्यता खत्म कर दिए जाने के बाद अब ये मंडियां बीमार हो गई है। इस तरह किसानों को न तो खरीद की, न समर्थन मूल्य की और न ही वितरण व्यवस्था की कोई गारंटी प्राप्त है। किसान लगातार परेशान हैं और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हैं।
हरियाणा-पंजाब की शंभू सीमा पर अंबाला के पास शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों के अवरोधक की तरफ बढ़ने की कोशिश के दौरान हरियाणा पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के दागे।
पिछले किसान आंदोलन में रिपोर्ट करने के लिए जिस इकलौते पत्रकार मनदीप पुनिया को जेल हुई, उसी का ट्विटर अकाउंट आज सरकार ने बंद कर दिया। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हो रहे किसानों के दमन को रिपोर्ट करने की सजा अब पत्रकारों को मिलने लगी है
किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए, जिसके चलते भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।