छात्रों का कहना है कि गरीब माँ बाप अपना पेट काटकर अपने बच्चों की कापी किताब के साथ अन्य जरूरतों को पूरा करते रहते हैं इस उम्मीद के साथ कि एक दिन ऐसा आयेगा जब उनका बेटा डॉक्टर बनेगा और उनकी गरीबी दूर होगी, लेकिन उनके सपनों पर तब पानी फिर जाता है जब ये परीक्षाएं धांधली की भेंट चढ़ जाती हैं।