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कभी भी सामाजिक न्याय के पक्षधर नहीं कहे जा सकते धर्माश्रित राजनैतिक दल
बात पुरानी है, किंतु आज भी प्रासंगिक है। 12.06.2017 को नरेन्द्र तोमर ने यह टिप्पणी की थी, ‘वे (आरएसएस और भाजपा) भारत को 2023...
वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात भारत को एक रखना
अनेकता में एकता, यह वाक्यांश मैंने तभी सुन लिया था जब मैं स्कूल में पढ़ता था। मैं विजयादशमी के दस दिन पहले से होने...
संविधान पर चल रहे विमर्श के निहितार्थ
संविधान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का एक उद्देश्य यह भी होता है कि संघ परिवार एवं उसके विचारकों की संविधान...
हिंसा का उत्सव जायज नहीं (डायरी 12 अक्टूबर, 2021)
आडंबर और पाखंड से कोई धर्म नहीं बचा हुआ है। या कहिए कि हर धर्म में केवल और केवल आडंबर और पाखंड ही है।...