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सिनेमा का सांप मनोरंजन और मुनाफे के लिए फुफकारता है
बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड फिल्मों में भी सांपों का प्रस्तुतिकरण पसंदीदा विषय रहा है। गाँव से लेकर शहर तक सांप हर जगह मौजूद भी हैं और उनसे जुड़ी तमाम कहानियां और मान्यताएं लोक में व्याप्त हैं। सिनेमा में इन साँपों को इतना चमत्कारिक दिखाया जाता है कि आम जनता इसे सच मानटी है। नागमणि, इच्छाधारी नाग ये ऐसे विषय है जिन पर हमारे देश में सैकड़ों फिल्मे और टीवी सीरियल बने। कहा जा सकता है कि साँपों से सामना करती जिंदगी डर रोमांच, मनोरंजन, किस्से कहानियों को रोज ही कहती-सुनती और बुनती रहती है।
सिनेमा ने युद्ध को मनोरंजन का माध्यम बनाया तो महिलाओं की दुर्दशा और जीवटता को भी दिखाया
सिनेमा बनाने वाले सिनेमा के विषय समाज से उठाते हैं भले ही उसका ट्रीटमेंट वे कैसे भी करें। बॉलीवुड हो या हॉलीवुड इधर युद्ध आधारित सिनेमा का चलन बढ़ा है। यह जरूर है कि विदेशी फिल्मों में भारत जैसे देशभक्ति का बखान नहीं दिखाया जाता। इधर महिला सैनिकों के जुनून पर भी अनेक फिल्में बनी। पढ़िये डॉ राकेश कबीर का यह आलेख
अमेरिकी रंगभेद के खिलाफ़ चिकानो सिनेमा और ग्रेगरी नावा की फिल्में
अमेरिका में रहने वाले कुल आप्रवासियों में 24 प्रतिशत के लगभग मेक्सिकन लोग रहते हैं जो कि सबसे बड़ा अप्रवासी समूह है। सन 2019 में लगभग 11 मिलियन मेक्सिको में पैदा हुए व्यक्ति अमेरिका में रहते थे। मेक्सिको के अप्रवासियों की संख्या लगातार घटने के बावजूद अभी भी इनकी संख्या बहुत बड़ी है। अप्रवासी होने के कारण अमरीका में रहने वाले मेक्सिकन हॉलिवुड में उपेक्षित होकर अपने जीवन, संस्कृति और सच्चाइयों पर फिल्में बनाईं और खुद को स्थापित किया।
पीड़ा, यातना और बहिष्करण से आज़ादी की चाह में पितृसत्ता से छुटकारा पाने तक सिनेमा में तलाक के चित्र
तलाक एक व्यक्तिगत मुद्दा है, लेकिन इसका समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। दुनिया के विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में अभी...
‘दीवार’ फांदकर हाजी मस्तान हिन्दी सिनेमा का एक इमोशन बन गया
अंडरवर्ल्ड पर फिल्में बनाने का चलन मूलतः हालीवुड का है। माफिया इटालियन शब्द माफियुसी से आया है, जिसका अर्थ होता है शेरदिल। हालीवुड में...
ऑस्कर में डोनाल्ड ट्रंप के दिए जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास
पिछले दिनों नरेंद्र मोदी के अमेरिकी क्लोन डोनाल्ड ट्रंप ने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन जैसे भावनात्मक नारे के जोर से वहां की सामाजिक और लैंगिक विविधता को बड़ा आघात पहुँचाया था। ट्रंप के दौर में अमेरिकी गोरों द्वारा जॉन फ्लायडो की हत्या से अश्वेतों में असुरक्षा बढ़ी थी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय जगत में अमेरिका की छवि धूमिल होने के साथ वहां की एकजुटता को बड़ा आघात लगा था। ट्रंप के हटने के बाद जब जो बायडेन 2021 के जनवरी में अमेरिका की सत्ता संभाले, उन्होंने ट्रंप सरकार द्वारा अश्वेतों को दिए गए जख्मों पर मरहम लगाने की दिशा में कदम बढाया। उसी के फलस्वरूप 2021 में 93वें ऑस्कर में चीनी मूल की झाओ को ऑस्कर हिस्ट्री में बेस्ट डायरेक्टर का ख़िताब जितने वाली दूसरी महिला होने का गौरव मिला।
सिनेमा में पत्रकार न्याय के लिए लड़ने की एक उम्मीद हैं
पत्रकार ड्यूश वेले (2020) ने मीडिया एडवोकेसी ग्रुप नामक निजी संस्था की वार्षिक रिपोर्ट रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का हवाला देते हुए 29 दिसम्बर 2020 को इंडियन...
हॉलीवुड डाइवर्सिटी रिपोर्ट 2021 और अमेरिकी जनगणना!
वैसे तो सभ्यता के विकास के आरंभ से ही मानव जाति तरह-तरह की समस्यायों से आक्रांत रही है, किन्तु निर्विवाद रूप से इनमें ‘आर्थिक...